पटना। चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इंडिया गठबंधन के सांसदों द्वारा संसद से लेकर चुनाव आयोग तक किए गए विरोध मार्च पर जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने विपक्ष के इस मार्च को “दोहरे मापदंडों” वाला करार दिया और सवाल उठाया कि क्या प्रतिबंधित क्षेत्रों में जबरन घुसना लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुकूल है?

क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं?

नीरज कुमार ने एक बयान में कहा, “इंडिया गठबंधन के घटक दलों को लोकतांत्रिक रूप से मार्च करने का अधिकार है, हम इसका सम्मान करते हैं। लेकिन अगर सांसद जानबूझकर प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करेंगे, तो वे देश की जनता के सामने क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं?

बैरिकेड तोड़ देते हैं

उन्होंने विपक्ष के दोहरे रवैये पर तंज कसते हुए कहा जब ये लोग सत्ता में रहते हैं, तब खुद सलाह देते हैं कि कानून का पालन किया जाए, सुरक्षा प्रोटोकॉल का सम्मान हो। लेकिन जैसे ही सत्ता से बाहर होते हैं, बैरिकेड तोड़ देते हैं, कानून की धज्जियां उड़ाते हैं। आखिर ये कौन-सा लोकतंत्र है?

इंडिया गठबंधन का मार्च

इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी आपत्ति जताते हुए सोमवार को संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता का पालन नहीं किया और सत्ताधारी दल को फायदा पहुंचाने के लिए अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों की अनदेखी की।

कानून तोड़ना अधिकार नहीं है

इस दौरान कुछ सांसदों के द्वारा कथित रूप से नियमों और बैरिकेडिंग का उल्लंघन करते हुए “प्रतिबंधित क्षेत्र” में प्रवेश करने की कोशिश की गई, जिसे लेकर सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्का तनाव भी देखने को मिला।जेडीयू का रुखनीरज कुमार ने यह भी कहा कि जनता अब सब कुछ देख रही है,”विपक्ष अगर लोकतंत्र की दुहाई देता है, तो उन्हें सबसे पहले खुद को लोकतांत्रिक दायरे में रखना होगा। विरोध करना अधिकार है, लेकिन कानून तोड़ना अधिकार नहीं है।

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