पटना बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया सियासी विमर्श शुरू हो गया है। जन सुराज के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में बड़ा बयान देते हुए कहा कि“हम केवल एक समीकरण में विश्वास करते हैं और वह है विचारधारा आधारित समीकरण। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन सुराज का कोई जातीय समीकरण या परंपरागत वोट बैंक आधारित राजनीति नहीं है।

भाजपा को बुरी तरह हराया जा सकता है

प्रशांत किशोर ने कहा कि इस देश में आधे से ज़्यादा हिंदू विचारधारा के आधार पर भाजपा के साथ नहीं हैं। जन सुराज का फॉर्मूला MY (Muslim-Yadav) नहीं है। हमारा फॉर्मूला यह है कि जो हिंदू गांधी, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहेब अंबेडकर और लोहिया की विचारधारा को मानते हैं, वे मुसलमानों के साथ मिलकर एक सामाजिक और राजनीतिक गठबंधन बनाएं। अगर ऐसा हुआ, तो भाजपा को बुरी तरह हराया जा सकता है।

‘विचारधारा समीकरण’ पर जोर

प्रशांत किशोर ने पारंपरिक जातीय समीकरणों को खारिज करते हुए कहा कि अब वक्त है कि समाज वैचारिक स्तर पर एकजुट हो, न कि जाति या धर्म के नाम पर।”उन्होंने कहा कि जन सुराज की राजनीति नीति, नीयत और नायक” की राजनीति है, न कि नंबर गेम” की। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो लोग गांधी, लोहिया, अंबेडकर और जेपी के विचारों में भरोसा रखते हैं, उनके लिए भाजपा की विचारधारा से मुकाबला करने का वक्त आ गया है।

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