परवेज आलम / बगहा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। बगहा पुलिस जिला में पहली बार किसी महिला शराब कारोबारी को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 5 साल का सश्रम कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। यह फैसला शनिवार को विशेष न्यायाधीश (मद्यनिषेध एवं उत्पाद) राजीव कुमार द्विवेदी की अदालत ने सुनाया, जिसे पूरे जिले में शराब माफियाओं के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

केस दर्ज हुआ था

यह मामला बगहा थाना क्षेत्र के जीतपुर मटियरिया गांव निवासी मोहनती देवी (उम्र 35 वर्ष) पत्नी अशोक उरांव से जुड़ा है। वर्ष 2022 में टाउन थाना कांड संख्या 156/22 के तहत मोहनती देवी के खिलाफ मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम की धारा 30(a) और 30(c) के अंतर्गत केस दर्ज हुआ था।

ये हुआ था बरामद

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी कर मोहनती देवी के पास से 32 लीटर चुलाई देशी शराब, 80 किलो अर्द्धनिर्मित शराब और शराब निर्माण में उपयोग होने वाले उपकरण बरामद किए थे।

अवैध बिक्री में लिप्त थी

इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय बगहा में ट्रायल नंबर 4142/22 के तहत हुई, जिसमें सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनवर हुसैन अंसारी ने अदालत में प्रभावी पैरवी की। उन्होंने अदालत के सामने यह साबित किया कि आरोपी महिला अवैध शराब निर्माण और बिक्री में लिप्त थी, जिससे समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।

सजा के साथ जुर्माना भी अनिवार्य

कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि दोष सिद्ध होने पर मोहनती देवी को 5 साल की सश्रम कैद और 1 लाख रुपये जुर्माना की सजा भुगतनी होगी। यदि वह जुर्माना अदा नहीं करती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 6 महीने की सजा भुगतनी पड़ेगी।

मिसाल बनेगा यह फैसला

विशेष लोक अभियोजक अंसारी ने इस फैसले को बगहा जिले के लिए एक मिसाल और कानून का मजबूत उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत महिला आरोपियों को सजा मिलने का यह पहला मामला है, जो भविष्य में शराब कारोबार से जुड़े अन्य मामलों में निर्णायक भूमिका निभाएगा।