पटना। बिहार में रेल यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने और ट्रेनों में बढ़ते अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रेलवे पुलिस ने एक बड़ा और व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है। रेल थाना क्षेत्रों के अत्यधिक विस्तार के कारण घटनास्थल पर पुलिस की देर से पहुंचने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है जिसका फायदा अपराधी उठा लेते हैं। इसी चुनौती से निपटने के लिए पटना रेल एसपी डॉ. इनामुल हक ने पुलिस मुख्यालय को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजा है।

नियंत्रण केंद्र खोलने की योजना

इस प्रस्ताव के तहत एक नए रेल थाना की स्थापना के साथ-साथ राज्य के पांच रणनीतिक स्थानों पर रेल अपराध नियंत्रण केंद्र खोलने की योजना बनाई गई है। पटना रेल जिले के अंतर्गत आने वाले बिहारशरीफ, गया, दानापुर, आरा, बक्सर और पाटलिपुत्र जैसे रेल थानों का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। कई थानों का दायरा 45 से 59 किलोमीटर तक फैला हुआ है जिससे किसी दूरस्थ स्टेशन, हॉल्ट या रेल पुल के पास घटना होने पर पुलिस को मौके पर पहुंचने में काफी समय लग जाता है।

तुरंत नियंत्रण किया जा सके

गया रेल थाना का क्षेत्र लगभग 59 किलोमीटर लंबा है। गया जंक्शन और दिलवा के बीच स्थित पहाड़पुर क्षेत्र को अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। यहां तक पहुंचने में देरी को देखते हुए पहाड़पुर में नया रेल थाना खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि घटनाओं पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके।

त्वरित कार्रवाई जरूरी

इसके अलावा हरनौत, सदीसोपुर, बिहिया, डुमरांव और दीघा ब्रिज पर रेल अपराध नियंत्रण केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की गई है। ये सभी स्थान अपने-अपने रेल थाना क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से अहम माने गए है जहां अपराध की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई जरूरी है।

पुलिस मुख्यालय लेगा निर्णय

रेल पुलिस का मानना है कि नए थाना और अपराध नियंत्रण केंद्र बनने से पुलिस की प्रतिक्रिया समय में कमी आएगी और रेल यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी। अब इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय पुलिस मुख्यालय द्वारा लिया जाना है, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में रेल सुरक्षा को नए सिरे से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस पहल शुरू हो चुकी है।