कुंदन कुमार/ पटना। बिहार चुनाव में अभी छह महीने बाकी हैं लेकिन प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। चुनावी साल में विपक्ष लगातार कोई न कोई मुद्दे पर सरकार को घेरा रहा है। इसी कड़ी में एक बार फिर राजद नीतीश सरकार पर आरक्षण मुद्दे (bihar reservation case) पर राज्य सरकार पर उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
प्रावधान का पालन नहीं किया जा रहा
बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने कहा कि बिहार में विभिन्न विभागों में जो रिक्तियां निकाली जा रही है, उसमें आरक्षण के प्रावधान का पालन नहीं किया जा रहा है और राज्य सरकार के स्तर से इसका उल्लंघन करके विज्ञापनों को निकाला जा रहा है। और इस तरह से आरक्षण के प्रावधान का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है।
आरक्षण में भी डकैती कर रही है सरकार
प्रवक्ताओं ने बताया कि ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बिहार में आरक्षण चोरी करने वाली सरकार अब 49.5 प्रतिशत के आरक्षण में भी डकैती कर रही है। नेताओं ने कहा कि जातीय गणना के बाद बिहार में तेजस्वी जी के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65% किया था ,उसे केंद्र सरकार ने नवमीं अनुसूची में शामिल नहीं किया ,जिससे 16% आरक्षण की चोरी हो रही है।
इन वर्गों के साथ अन्याय हो रहा
वहीं अब नौकरियों के विज्ञापन में विभिन्न विभागों में पिछड़ों के आरक्षण में उल्लंघन किया जा रहा है,और इन वर्गों के साथ अन्याय हो रहा है। जहां बिहार में ईडब्ल्यूएस से भी कम रिक्तियां पिछड़ा वर्गों के लिए विज्ञापनों में दी जा रही है यह स्पष्ट रूप से दिखता है ,जहां बहाली के लिए पथ निर्माण विभाग और भवन निर्माण विभाग के द्वारा जो विज्ञापन निकाला गया है।
आरक्षण के प्रावधान का उल्लंघन
984 पदों के लिए उसमें पिछड़ों के लिए आरक्षण के प्रावधान के तहत 118 पद सृजित किया जाना चाहिए था, लेकिन बैकलॉग का बहाना बनाकर 42 पद पहले ही काम कर दिया गया । अगर 42 पद कम भी हुए हैं तो 984 में 42 घटकर 942 पदों के विज्ञापन के अनुसार 113 पद पिछड़ों के लिए आरक्षित होना चाहिए था। लेकिन जो विज्ञापन आए हैं उसमें पिछड़ों के लिए 91 पद ही आवंटित किए गए हैं ,जबकि सामान्य वर्ग के 40% और ईडब्ल्यूएस की 10% की रिक्तियां स्पष्ट रूप से सामने है। लेकिन पिछड़ा वर्ग के 12% के मुकाबले ईडब्ल्यूएस के 10% वाले को अधिक सीटें आवंटित की गई है, जो आरक्षण के प्रावधान का उलंधन है।
आरक्षण की सीमा का उल्लंघन
नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार का पिछड़ों के प्रति किस तरह का व्यवहार है यह स्पष्ट रूप से दिखता है जबकि यह बातें जग जाहिर है कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार में आरक्षण की सीमा का उल्लंघन कर आरक्षण के प्रावधान और आरक्षण के प्रति किस तरह से कार्य कर रही है यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार का पिछड़ा और अति पिछड़ा के प्रति कैसी सोच है, यह जग जाहिर है।
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