कुंदन कुमार/पटना। बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए राशि भेजना चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश
प्रवक्ता एजाज अहमद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा इस समय महिलाओं को आर्थिक सहायता राशि देना पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित कदम है। उनके अनुसार, इस तरह की योजनाओं के नाम पर सरकार वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।
चुनावी नियमों के खिलाफ
उन्होंने कहा जब आचार संहिता लागू हो चुकी है, तो किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ या सरकारी योजना का लाभ सीधे जनता तक पहुंचाना चुनावी नियमों के खिलाफ है। डबल इंजन सरकार चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग
एजाज अहमद ने बताया कि आरजेडी ने इस पूरे मामले को लेकर चुनाव आयोग को औपचारिक शिकायत (written application) दी है। उन्होंने कहा कि आयोग को चाहिए कि वह इस शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए योजना के तहत हो रहे सभी डीबीटी ट्रांसफर पर रोक लगाए।
लोकतंत्र के लिए खतरा
आरजेडी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों की संलिप्तता इस प्रक्रिया में पाई जाए, उन पर आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाए। उनके अनुसार सरकारी मशीनरी का इस तरह उपयोग लोकतंत्र के लिए खतरा है और आयोग को इस पर सख्त रुख अपनाना चाहिए।
महिला रोजगार योजना पर सवाल
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई महिला रोजगार योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं के खातों में हाल ही में डीबीटी के माध्यम से राशि ट्रांसफर की जा रही है। आरजेडी का आरोप है कि इस योजना की टाइमिंग संदिग्ध है, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया के दौरान लागू की गई है। एजाज अहमद ने कहा कि अगर सरकार को महिलाओं के सशक्तिकरण की इतनी चिंता थी, तो यह योजना चुनाव के बाद* भी शुरू की जा सकती थी। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में ऐसी घोषणाएं या भुगतान मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास हैं।
आचार संहिता का उल्लंघन
आरजेडी का कहना है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी सरकार नई योजनाओं की घोषणा या आर्थिक लाभ का वितरण नहीं कर सकती। पार्टी का आरोप है कि राज्य और केंद्र की डबल इंजन सरकार इन नियमों की अनदेखी कर रही है ताकि महिलाओं के वोट बैंक को अपने पक्ष में किया जा सके। एजाज अहमद ने कहा यह मामला सिर्फ आर्थिक लेनदेन का नहीं, बल्कि चुनावी नैतिकता का है। यदि आयोग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो निष्पक्ष चुनाव की भावना पर आघात पहुंचेगा।
आरजेडी की चेतावनी
प्रवक्ता ने अंत में कहा कि अगर चुनाव आयोग ने इस मामले में तुरंत कदम नहीं उठाया तो आरजेडी कानूनी और जन आंदोलन दोनों स्तरों पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगी।
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