विकास कुमार/ सहरसा। सहरसा में बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के बैनर तले सरकारी कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल आज पांचवें दिन भी जारी रहा। कर्मचारी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर 28 अगस्त से हड़ताल पर हैं, और उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। हड़ताल में शामिल कर्मचारी मुख्य रूप से समाहरणालय और विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में कार्यरत हैं। वेतन विसंगति समेत सेवा शर्तों में सुधार, पदोन्नति, समान काम के लिए समान वेतन और अन्य प्रशासनिक मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
हमारी मांगें नहीं मानी गईं
कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने साफ किया कि यह सिर्फ चेतावनी नहीं है, बल्कि अब आर-पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो इसका असर आगामी चुनावी प्रक्रिया और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों पर भी पड़ेगा। फिर भी हम पीछे नहीं हटेंगे।
प्रशासनिक कार्य ठप, जनता हो रही परेशान
हड़ताल की वजह से जिले के अधिकांश प्रशासनिक कार्य प्रभावित हैं। दाखिल-खारिज, प्रमाण पत्र निर्गमन, सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन सहित कई आवश्यक सेवाएं ठप पड़ी हैं। इससे आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार पर उठे सवाल
कर्मचारियों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार ज्ञापन देने और वार्ता की कोशिशों के बावजूद सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अब केवल लिखित आदेश के बाद ही वे हड़ताल वापस लेंगे।
कर्मचारी पूरे बिहार में हड़ताल पर
इस आंदोलन से न केवल सहरसा, बल्कि राज्यभर के प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि संघ से जुड़े कर्मचारी पूरे बिहार में हड़ताल पर हैं। ऐसे में सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह जल्द से जल्द समाधान की दिशा में कदम उठाए, वरना यह हड़ताल व्यापक प्रशासनिक संकट में तब्दील हो सकती है।
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