पटना। बिहार जल्द ही हवाई सेवाओं के नए युग में प्रवेश करने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के छह जिलों बीरपुर, मुंगेर, बाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर, सहरसा और भागलपुर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
‘सुरक्षा मानचित्र’ तैयार करने को मिली अनुमति
इसके तहत ओएलएस (Obstacle Limitation Surfaces) सर्वे के लिए 2 करोड़ 90 लाख 91 हजार 720 रुपये की अग्रिम स्वीकृति दी गई है। यह सर्वे हवाई अड्डों की सुरक्षा और डिज़ाइन का सबसे अहम चरण है, जिसमें विमान के टेकऑफ़ और लैंडिंग पथ में आने वाली सभी बाधाओं की पहचान और निवारण किया जाता है। सरल शब्दों में, यह हवाई अड्डे का “सुरक्षा मानचित्र” तैयार करने जैसा है, ताकि आसमान का रास्ता पूरी तरह साफ और सुरक्षित रहे।
हर मौसम में उड़ान भरने का दर्जा
बैठक में एक और बड़ा फैसला गयाजी हवाई अड्डे के लिए लिया गया। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के तहत कैट-1 लाइट सिस्टम लगाने की मंजूरी दी गई है। इस तकनीक से अब कोहरा, धुंध या खराब मौसम में भी विमानों का सुरक्षित संचालन संभव होगा। इसके लिए 18.2442 एकड़ जमीन अर्जन के लिए 137 करोड़ 17 लाख 16 हजार 16 रुपये के मुआवजा राशि को नीतीश कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है।
दरभंगा और पूर्णिया के बाद अगली छलांग
बताते चलें पटना के जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डे के विस्तारीकरण और दरभंगा में नया एयरपोर्ट बनाने के बाद पुर्णिया से भी जल्द हवाई सेवा शुरू होने वाली है। पुर्णिया एयरपोर्ट के उद्घान की तारीख कभी भी घोषित की जा सकती है। जबकि पूर्णिया में एयर सेवा शुरू होने की तैयारी है। नीतीश कैबिनेट की ओर से छह नए जिलों में हवाई अड्डों के निर्माण से की तैयारी शुरू कर दी गई है। इससे राज्य में हवाई कनेक्टिविटी कई गुना बढ़ जाएगी। जो न केवल यात्रियों को तेज और आरामदायक यात्रा विकल्प देगा, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और निवेश को भी नई रफ्तार मिलेगी।
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