कुंदन कुमार/पटना। बिहार में कार्यरत नियोजित शिक्षकों पर अब निगरानी की कड़ी नजर रहने वाली है। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने करीब 73 हजार नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच का निर्देश दिया है। यह जिम्मेदारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (SVU) को सौंपी गई है। यह फैसला पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद लिया गया है।

विश्वविद्यालय और बोर्ड स्तर पर होगी जांच

शिक्षा विभाग के अनुसार इस जांच के दायरे में राज्य के लगभग एक दर्जन विश्वविद्यालयों से जारी प्रमाणपत्र शामिल हैं। विभाग ने 17,431 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है। वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) को 46,681 अंक-पत्रों और प्रमाणपत्रों के सत्यापन का निर्देश दिया गया है।

अन्य राज्यों के प्रमाणपत्र भी रडार पर

निगरानी विभाग बिहार के विश्वविद्यालयों के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, ओडिशा और असम के निजी शिक्षण संस्थानों से जारी प्रमाणपत्रों की भी जांच करेगा। जांच में फर्जी या अवैध पाए जाने वाले प्रमाणपत्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

किन विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं कितने शिक्षक

मगध विश्वविद्यालय से 4924, बीएन मंडल विश्वविद्यालय से 3166, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से 2396, एलएनएमयू दरभंगा से 2413, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से 1932 सहित अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक जांच के दायरे में हैं।

एक तारीख को मिलेगा वेतन

शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि राज्य कोष से वेतन पाने वाले सभी शिक्षकों को अब हर महीने एक ही तारीख को वेतन मिलेगा। इसके लिए डीईओ और डीपीओ को 20 से 25 तारीख के बीच अनुपस्थिति विवरणी भेजनी होगी ताकि समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित हो सके।