पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का इंतजार अब खत्म होने वाला है। कुछ ही देर में मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि राज्य की सत्ता पर कौन ताजपोशी करेगा। 39 दिनों तक चले सियासी महासंग्राम के बाद अब जनता का फैसला ईवीएम में बंद है। इस बार मुकाबला तीन बड़े मोर्चों के बीच रहा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए, तेजस्वी यादव का महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) और प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी, जिसने मैदान में नई हलचल मचाई।बिहार के मतदाताओं ने इस बार लोकतंत्र के इस महापर्व को ऐतिहासिक बना दिया। 1951 के बाद सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बना, जब राज्य में 67.14 प्रतिशत वोटिंग हुई। महिलाओं ने फिर एक नया इतिहास रचा उन्होंने पुरुषों से 8.82 फीसदी ज्यादा मतदान किया। लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं ने अपने जोश से यह साबित किया कि बिहार में लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो चुकी हैं।
2616 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद
राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर कुल 2616 उम्मीदवारों की किस्मत अब मतपेटियों में बंद है। सुबह 8 बजे से पोस्टल बैलेट की गिनती* शुरू होगी जबकि 8:30 बजे से ईवीएम मतों की गिनती का काम शुरू हो जाएगा। अनुमान है कि सुबह 10:30 बजे तक शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे और दोपहर तक तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी।
कहां से आएंगे सबसे पहले और आखिरी नतीजे
जानकारी के अनुसार, बरबीघा विधानसभा सीट से सबसे पहले रुझान आने की संभावना है, क्योंकि वहां मात्र 275 बूथों पर मतदान हुआ था। इसके अलावा हायाघाट, गया टाउन, गौरा बौराम और कल्याणपुर सीटों के शुरुआती नतीजे भी सबसे पहले मिल सकते हैं। वहीं, हिसुआ विधानसभा सीट का परिणाम सबसे अंत में आने की उम्मीद है, जहां सर्वाधिक 485 बूथों के वोटों की गिनती होगी।
पूरे राज्य में 46 काउंटिंग सेंटर
पूरे बिहार के 38 जिलों में कुल 46 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। हर विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग हॉल और 14-14 काउंटिंग टेबल लगाए गए हैं। हर टेबल पर मतगणना सुपरवाइजर, सहायक और माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं। कुल मिलाकर 4372 टेबलों पर वोटों की गिनती की जाएगी। इस बार की मतगणना में लगभग 19 हजार कर्मी लगे हैं। हर विधानसभा के अनुसार 24 से 30 राउंड में मतों की गिनती पूरी की जाएगी। वहीं, हर हॉल में बैलेट पेपरों के लिए अलग टेबलें निर्धारित हैं।
राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम से होगी हर सेंटर की निगरानी
मतगणना के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम से सभी 46 मतगणना केंद्रों की निगरानी की जाएगी। यहां लगभग 65 कर्मियों की टीम 24 घंटे सक्रिय रहेगी। जिलों से मतगणना से जुड़ी अद्यतन रिपोर्ट फोन, फैक्स और ईमेल के माध्यम से लगातार मंगाई जाएगी। गुरुवार को सभी मतगणना कर्मियों को अंतिम प्रशिक्षण दिया गया। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और राष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर अशोक प्रियदर्शी ने मतगणना प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी जानकारियां साझा कीं। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। मतगणना कार्य की रीयल-टाइम रिपोर्टिंग के लिए प्रतिवेदन कोषांग, मीडिया कोषांग और ई-मेल/फैक्स कोषांग बनाए गए हैं। किसी भी मतगणना केंद्र में तकनीकी या प्रशासनिक समस्या आने पर उसका तत्काल समाधान राज्य कंट्रोल रूम से किया जाएगा।
सुरक्षा और व्यवस्था
सभी मतगणना केंद्रों पर तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। केंद्रों पर पुलिस, अर्धसैनिक बल और मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। परिसर में CCTV कैमरों की निगरानी में पूरी प्रक्रिया होगी। मतगणना स्थल पर पेयजल, शौचालय, चिकित्सा सुविधा और बिजली की निर्बाध आपूर्ति की भी व्यवस्था की गई है।
जनादेश का फैसला अब जनता के हाथों में
लंबे चुनावी संघर्ष के बाद अब सबकी निगाहें सिर्फ एक दिन पर टिक गई हैं आज के दिन पर। बिहार की जनता का यह ‘जनादेश’ तय करेगा कि राजनीतिक ताज किसे मिलेगा, किसकी नीतियों पर मुहर लगेगी और अगले पांच साल के लिए कौन होगा बिहार का मालिक।
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