पवन दुर्गम,बीजापुर। बारिश शुरु होते ही नदी-नाले उफान पर आ जाते है. जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है. करीब दस हजार से ज्यादा आबादी और दर्जनभर गांवों के बाशिंदे दशकों से नदी पर पुल की मांग कर रहे हैं. उदासीन सरकारें ग्रामीणों की इस मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है. आज एक बार फिर ग्रामीण नदी की जद में हैं. मानव श्रृंखला बनाकर ग्रामीण पुल पार करने को मजबूर हैं. जान जोखिम में डालकर नदी पार करते ग्रामीण रोजाना मौत से दो चार हो रहे हैं. वीडियो में दिख रहा यह नजारा बीजापुर के चिंतावागु नदी के कोंगुपल्ली- तारलगुड़ा सड़क के रपटे का है.
करीब 60 मीटर लंबी चिंतावागु नदी बारिश के दिनों में उफान पर होती है. ऐसे में इन गांंवों का संपर्क बाकी मुख्यालय से कट जाता है. रोजमर्रा की जिंदगी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. क्षेत्रवासी दशकों से यहां पुल की मांग कर रहे हैं. जिस पर सरकारी नुमाइंदे उदासीन हैं. जिसका खामियाजा क्षेत्र में मौजूद दर्जनभर के दस हजार से ज्यादा ग्रामवासियों को भुगतना पड़ रहा है.
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी का कहना है कि ग्रामीण लंबे समय से इस रपटे पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. बारिश के दिनों में चिंतावागु नदी में पानी बढ़ने से लोगों को परेशानी होती है. ग्रामीणों की परेशानी और जरूरत को देखते हुए बहुत जल्द कोंगुपल्ली- तारलागुड़ा रपटे पर पुलिया स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ करवाया जाएगा.
बता दें कि यदि कोंगुपल्ली- तारलगुड़ा सड़क के रपटे पर पुल बनती है, तो कोमटपल्ली, मिनकापल्ली, भट्टिगुड़ा, लोडेड, कोत्ताप्पली, संकनप, मेट्टूपल्ली, गुबलगुड़ा, उसकालेड गांव के ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा.