सुप्रीम कोर्ट(Suprem Court) ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए शिरोमणी अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया(Bikram Majithia) को जमानत दी है. उन्हें यह जमानत एक ड्रग से संबंधित मामले में मिली है. वर्ष 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी समर्थन दिया है. जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे बेंच ने खारिज कर दिया.
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दिसंबर 2021 में ड्रग मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया पर आरोप लगाए गए, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जनवरी 2022 में जेल भेजा गया. यह कार्रवाई एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर की गई, जो पंजाब में चल रहे ड्रग रैकेट से संबंधित थी. बिक्रम सिंह मजीठिया 2007 से 2017 के बीच अकाली दल की सरकार में मंत्री रह चुके हैं और वे सांसद हरसिमरत कौर के भाई तथा अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले हैं.
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बिक्रम सिंह ने 2007 में पंजाब विधानसभा चुनाव में मजीठिया विधानसभा सीट पर पहली बार जीत हासिल की और विधानसभा में पहुंचे. इसके बाद, उन्होंने 2012 और 2017 में भी इस सीट पर लगातार जीत दर्ज की. हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में वह अमृतसर पूर्व सीट से हार गए, जहां आम आदमी पार्टी ने राज्य में बड़े अंतर से विजय प्राप्त की.
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