शैलेंद्र पाठक,बिलासपुर। बिलासपुर जिला न्यायालय ने नाबालिग से गैंगरेप मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को 30 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बिलासपुर जिला न्यायालय के जज संजीव तामक ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है.

मामले में पीड़िता की वकील प्रियंका शुक्ला ने बताया कि पुलिस में मामला दर्ज कराने पर पीड़ित परिवार को आरोपियों द्वारा धमकाया गया परेशान किया गया. क्योंकि पीड़िता गरीब मजदूर परिवार से थी. इसलिए मामले को लड़ने में परेशानी भी हुई, लेकिन न्याय की जीत हुई है.

उन्होंने कहा कि मजदूर परिवार को लंबी लड़ाई के बाद न्याय मिला है. इस तरह की घटनाओं को रोकने बहुत सारे काम करने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटना दोबारा घटे ही नहीं. गैंगरेप के आरोपी मनोज वाडेकर, नागेश्वर रजक, ईश्वर, चरण सिंह चौहान को एडीजे कोर्ट ने 30 साल की सजा सुनाई है.

बता दें कि देवारीखुर्द के आदतन बदमाशों ने नाबालिग को 2015 में अपने हवश का शिकार बनाया था. पुलिस थाने में मामला 2017 में दर्ज हुआ था.