वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिल्हा थाना क्षेत्र में जुआ एक्ट के तहत की गई एक कार्रवाई अब खुद पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। चिचिरदा गांव के एक ग्रामीण ने थाना प्रभारी और कई पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसे जबरन उसके खेत से उठाकर झूठे जुआ केस में फंसाया गया और 10,000 रुपये की अवैध वसूली भी की गई। इस मामले में रवि कौशिक ने बिलासपुर रेंज आईजी और एसपी को एक विस्तृत लिखित शिकायत पत्र सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

बता दें कि पीड़ित रवि प्रकाश कौशिक ने बताया कि वह 19 जुलाई की दोपहर लगभग 3 बजे अपने खेत (ग्राम केशला) में दवाई छिड़कने के लिए मजदूरों के साथ गया था। खेत से कुछ दूरी पर मौली चौक के पास उसने अपनी इलेक्ट्रिक बाइक खड़ी की थी। उसी दौरान, थाना बिल्हा में पदस्थ पुलिस निरीक्षक उमेश साहू, प्रधान आरक्षक हमराज और आरक्षक क्रमांक 840, 1107, 674, 1431, 1390, 1033, 1210 ने उसकी बाइक को बिना किसी सूचना या वैध कारण के जब्त कर लिया।

जब रवि को इस जब्ती की जानकारी गांव के ही सुखदास बंजारे के माध्यम से मिली, तो वह मौके पर पहुंचा और जब्ती का कारण पूछा। आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ गाली-गलौच की, उसका मोबाइल छीन लिया और जबरन गाड़ी में बैठाकर उसे बिल्हा थाने ले जाया गया।

थाने में उससे 20,000 रुपये की मांग की गई। जब उसने कहा कि वह रकम देने में असमर्थ है, तो उसे धमकी दी गई कि उसे धारा 151 या अन्य गंभीर धाराओं में फंसा दिया जाएगा। रवि ने डर के कारण बताया कि उसके बैंक खाते में पैसे हैं, तब पुलिसकर्मी उसे च्वाइस सेंटर ले गए, जहां से उसने 10,000 रुपये कैश निकालकर प्रधान आरक्षक बलराम विश्वकर्मा को सौंप दिए।

रकम देने के बाद भी दर्ज कर दिया गया केस

पीड़ित रवि प्रकाश कौशिक ने बताया कि रकम देने के बाद भी पुलिस ने उस पर जुआ एक्ट के तहत झूठा मामला दर्ज कर लिया। इतना ही नहीं, पुलिस ने उसकी फोटो और वीडियो को मीडिया को भेज दिया, जिससे उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। रवि कौशिक का दावा है कि वह गांव का एक सामाजिक कार्यकर्ता और प्रतिष्ठित व्यक्ति है और इस कार्रवाई से उसकी साख और सम्मान को भारी नुकसान हुआ है।

रवि कौशिक ने बिलासपुर रेंज आईजी और एसपी को लिखे अपने आवेदन में मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों- निरीक्षक उमेश साहू, प्रधान आरक्षक हमराज और आरक्षक क्रमांक 840, 1107, 674, 1431, 1390, 1033, 1210 के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

पीड़ित रवि प्रकाश का आवेदन

गौरतलब है कि रवि कौशिक का मामला अगर सही साबित होता है, तो यह न केवल कानूनी और मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर विषय होगा, बल्कि इससे पुलिस विभाग की साख और पारदर्शिता पर भी सवाल उठेंगे। फिलहाल पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की प्रतीक्षा है, जो यह तय करेगी कि इस शिकायत में कितना दम है और क्या पुलिसकर्मी वास्तव में दोषी हैं।

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