बिलासपुर। देश के कई राज्यों में फोन काल्स और इंटरनेट के जरिए करीब 4 हजार लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश बिलासपुर पुलिस ने किया. झारखंड के धनबाद जिले के करमाटांड गांव से पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया और बिलासपुर ले आई. पुलिस को वहां जाकर पता चला कि करमाटांड गांव एेसे ठगों की बस्ती है जहां करीब 20 गिरोह फर्जी बैंक अधिकारी बनकर फोन और इंटरनेट पर लोगों को ठग रहे हैं. इनके पास भारी मात्रा में एटीएम कार्ड, पासबुक, बैंक डिटेल और पचास हजार रुपए नगद जब्त किए गए हैं.

ये लोग कभी हैकिंग के बहाने, कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी के नाम पर एटीएम ब्लाक होने की बात कहकर कार्ड का डिटेल मांगते थे. ये लोग कार्ड का डिटेल मिलते ही उस एकाउंट के पैसे नेट बैंकिंग के जरिए उस बैंक से अपने बैंक के अलग अलग एकाउंट में ट्रांसफर कर देता थे. बाद में उसे पता चलता है कि वह ठगा गया.

एेसी ही ठगी एसईसीएल के रिटायर्ड अधिकारी सजल कुमार सरकार के साथ 30 जून को हुई. उन्हें एक फोन आया और उनका एटीएम ब्लाक होने की बात कहकर उनसे कार्ड का नंबर, पिन सब पूछ लिया गया. जैसे ही सरकार ने यह डाटा बताया, उनके मोबाइल पर एकाउंट से एक लाख 34 हजार रुपए दूसरे एकाउंट मे ट्रांसफर होने का मैसेज आया. इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी.

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सजल सरकार के एकाउंट से पैसा धनबाद के सरायढेला, एसबीआई के खाता धारक मुकेश मिस्त्री, देवानंद मंडल के एकाउंट में गया है और वहीं के गोविंदपुर, तारा टांड, संग्रामडीह के अलग अलग एटीएम बूथ से पैसा निकाला गया है. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि एसा गिरोह करमाटांड गांव में है. यह नक्सल प्रभावित गांव है, लिहाजा बिलासपुर पुलिस ने एक विशेष टीम इस गांव भेजी. वहां मुकेश मिस्त्री और देवानंद का पता चल गया. इसके बाद पुलिस ने छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया.

दोनों ने पूछताछ में अपने छह और साथियों के नाम बताए. पुलिस ने वेदू, खूबलाल, नंद किशोर, नवीन मंडल, महेंद्र और दीपचंद को भी गिरफ्तार कर लिया.. ये सभी 5वीं 8वीं तक पढ़े हुए आपस में रिश्तेदार भी हैं और बैंक अधिकारी बन फोन करने, डाटा लेकर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ठगी करते हैं. ठगे गए रकम का इन्होंने अधिकतर उपयोग मकान, गाड़ी, और महंगे शौक पूरा करने में किया है.