PM Modi Se Bilaspur Mange More: चिकित्सा के क्षेत्र में बिलासपुर संभाग में मेडिकल कॉलेज सिम्स व मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोनी की सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद बिलासपुर में अत्याधुनिक व सरकारी अस्पताल एम्स की कमी महसूस की जा रही है. बिलासपुर संभाग में स्वास्थ्य के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए दो साल पहले जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को लेकर शासन स्तर पर मामले ने जोर पकड़ा था. अब डबल इंजन की सरकार बन गई है तो एम्स की उम्मीद फिर से बंधने लगी है. (PM Modi CG Visit)

4 राज्यों के मरीजों को फायदा
बिलासपुर में एम्स की स्थापना से बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा एवं गौरेला पेंड्रा मरवाही के साथ ही सरगुजा संभाग के 6 जिले के लोग लाभान्वित होंगे. साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड और ओडिशा के नागरिक भी चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे. बिलासपुर और सरगुजा संभाग में करीब डेढ़ करोड़ की आबादी है.
8 साल से पटरी पर नई आई कोई नई ट्रेन
आठ साल पहले लोकसभा में अलग से रेल बजट पेश होना बंद हुआ और उसी के बाद से बिलासपुर रेलवे जोन के हिस्से में वंदे भारत एक्सप्रेस के अलावा कोई दूसरी ट्रेन नहीं आई है. यात्रियों को ट्रेनों की कमी से जूझना पड़ रहा है, कई बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन नहीं है या सप्ताह में केवल एक ट्रेन है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे सर्वाधिक माल लदान करती है. इसके बाद भी उसके अनुरूप यात्रियों को सुविधा नहीं मिल रही है. रेलवे का पूरा ध्यान सिर्फ माल लदान में नए-नए रिकॉर्ड बनाने की तरफ है. इसके कारण यात्री ट्रेनों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. अमृत भारत योजना से केवल स्टेशन संवारने और पटरियां बिछाने से यात्रियों को राहत नहीं मिलेगी, जरुरत नई ट्रेनों की है. माल लदान के नए-नए रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं, मगर ऐसा ही रवैया रेल यात्रियों के साथ नहीं हो रहा है.
कोरबा-बीकानेर एक्सप्रेस जोन के कारण लटकी
खाटू श्याम जाने के लिए काफी समय से ट्रेन की मांग हो रही थी. इसके लिए कोरबा बीकानेर के बीच नई ट्रेन चलाने का समय सारिणी बनाया गया. उसको आईआरटीसी ने शामिल भी कर लिया. उस ट्रेन को चलाने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर ने लगातार दो साल उक्त ट्रेन को चलाने की सहमति दी. लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के अधिकारियों ने उसकी सहमति नहीं दी. इसलिए ट्रेन अभी तक लंबित है.
सिकंदराबाद-रायपुर नहीं बढ़ी बिलासपुर तक
सिकंदराबाद- रायपुर- सिकंदराबाद के बीच सप्ताह में तीन दिन चलने वाली एक्सप्रेस को सालों से बिलासपुर तक बढ़ाने की मांग हो रही है. इसके लिए कई बार रेलवे को कई संगठनों ने पत्र लिखा. इसके बाद भी उक्त ट्रेन रायपुर से बिलासपुर तक नहीं बढ़ पाई है.
बिलासपुर से कोरबा के लिए 9 घंटे ट्रेन नहीं
बिलासपुर से कोरबा की यात्रा भी मुश्किल काम है. कोरबा जाने के लिए सुबह 9.35 बजे ट्रेन है. इसके बाद सीधे शाम को 6.40 बजे ट्रेन है. इस दौरान कोरबा जाने की कोई ट्रेन सुविधा नहीं है. इसी तरह रायपुर से कोरबा जाने के लिए सुबह 7.20 बजे के बाद सीधे शाम को 6 बजे है. वहीं रेलवे ने दो अगस्त 2023 से गेवरा-रायपुर-गेवरा मेमू लोकल को बंद कर दिया है, जो अभी शुरू नहीं हुई है.