वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर में इन दिनों सरकारी विकास कार्य रसूखदारों के फॉर्म हाउस तक पहुंच रहा है. लाखों रुपये खर्च कर सड़कें उनके फॉर्म हाउस, खेत तक बनाई जा रही हैं, जबकि उसी गांव में ग्रामीण जरूरत की सड़क का बाट जोह रहे हैं, लेकिन सिस्टम का कमाल और जिम्मेदारों की रिश्तेदारी ने सरकारी खाता खाली कर करप्शन की इबारत लिख डाली. इधर ग्रामीण अपने इलाके में सड़क के लिए शिकायत ही करते रह गए, लेकिन लगता है कि शिकायत की कॉपियां डस्टबीन में पड़ी होंगी.

दरअसल, यह पूरा मामला बिल्हा विकासखंड के पौसरा ग्राम पंचायत का है. जहां व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने जिला पंचायत के अधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने मिलकर अग्रवाल फार्म हाउस और संतोष कृषि फॉर्म हाउस तक 13 लाख रुपए की सड़क बना दी है.

इतना ही नहीं ग्राम सेमरा में भी एक फार्म हाउस से नहर के बीच सीसी रोड बनवा दिया गया है. आलम ये है कि रसूखदारों के फार्म हाउस, खेत तक सड़क पहुंच जा रही है, जबकि उसी गांव में ग्रामीण जरूरत की सड़क का बाट जोह रहे हैं.

इधर इस मामले के सामने आने के बाद जिला पंचायत की सीईओ जयश्री जैन ने जांच करा कर जिम्मेदार पर कार्रवाई करने की बात कह रही है, लेकिन इनके कहने से क्या सरकारी खाते से निकाली गई वो राशि वापस आ सकती है या फिर इनसे रिकवरी की जाएगी. ये बड़ा सवाल है.

ऐसा नहीं है कि व्यक्तिगत विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए यह पहला मामला है. इससे पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान के ग्राम भरारी विकास खंड स्थित फार्म हाउस तक पहुंचने के लिए रोजगार गारंटी योजना मद से 11 लाख रुपए में पुलिया और मुरूम रोड का निर्माण वर्ष 2020 में कराया था.

इस मामले की शिकायत भी गई है और जांच भी की गई, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. उम्मीद है कि इस मामले में ऐसा नहीं होगा. वैसे प्रशासन और जिम्मेदार शिकायत पत्रों को डस्टबीन में डालने में तनिक भी देरी नहीं करते. जिम्मेदारों को लगता है कि कितनी शिकायतें आती रहती हैं, ये भी सही डस्टबीन का शोभा बढ़ाए.

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