बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य शासन के 7 प्रमुख अफसरों के नए सिरे से डीपीसी कराए जाने के आदेश पर रोक लगा दिया है. आगामी आदेश तक उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जा सकता है. इन अधिकारियों के प्रमोशन को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
दरअसल साल 2003 में आयोजित पीएससी परीक्षा के बाद तूलिका प्रजापति, फरिहा आलम सिद्दीकी, चन्दन त्रिपाठी, जयश्री जैन, प्रियंका थवाईत, दीपक अग्रवाल समेत 7 लोगों का चयन उप जिला कलेक्टर पद पर हुआ था. इनको पिछले साल प्रमोशन दिया गया था. एक अभ्यर्थी हिना नेताम ने प्रमोशन प्रक्रिया को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी. केट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य लोकसेवा आयोग को दोबारा इन पदों के लिए डीपीसी कराने का आदेश दिया था.
केट के इस आदेश को इन सभी अफसरों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष नहीं जाना और इन्हें सुनवाई का अवसर दिए बिना ही एक तरफा डीपीसी का आदेश जारी कर दिया. यह विधि के प्राकृतिक न्याय के सिध्दांत के खिलाफ है. तर्कों से सहमत होते हुए हाईकोर्ट ने कैट द्वारा जारी प्रमोशन आदेश पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है.
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