बिलासपुर- राज्यसभा चुनाव में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता और कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी रहे लेखराम साहू का आरोप है कि सरोज पांडेय के नामांकन के प्रस्तावकों में नौ संसदीय सचिव थे. चूंकि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में चल रहा है, लिहाजा उन्हें प्रस्तावक बनाए जाने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

लाभ के पद के आधार पर निगम,मंडल, आयोग में बिठाए गए सात विधायकों के मत को भी अवैध ठहराने की मांग की गई थी. लेखराम साहू की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने कहा है. याचिकाकर्ता के वकील सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने अपने नामांकन पत्र में भी झूठी जानकारी दी है. कई अहम तथ्यों को छिपाया है.

गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के लिए हुए मतदान में सरोज पांडेय ने अपने प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेसी उम्मीदवार लेखराम साहू को 15 मतों से पराजित किया था. चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने  11 संसदीय सचिव समेत निगम, मंडल, आयोग में काबिज बीजेपी के सात विधायकों को मतदान के अधिकार से वंचित किए जाने की मांग की थी. कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से लेकर राज्यपाल तक इस मांग को रखा था, लेकिन चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी बीजेपी विधायक पर मत प्रयोग को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया. चुनाव में सरोज पांडेय के निर्वाचित होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने इस पूरे मामले को कोर्ट में चुनौती दी थी.