बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा एक पुलिस इंस्पेक्टर को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति को जायज ठहराया है. कोर्ट ने मामले में इंस्पेक्टर बहादुर प्रसाद बाखला की याचिका को खारिज कर दिया है. बहादुर प्रसाद बाखला जिला बिलासपुर में पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ थे. उनकी 50 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर खराब सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर दिनांक 18 अगस्त 2018 को पुलिस विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई थी.

शासन के आदेश के खिलाफ बहादुर प्रसाद बाखला हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर कर अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को चुनौती दी थी. दिनांक 16 मई 2019 को उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात हाइकोर्ट द्वारा यह पाया गया कि इंस्पेक्टर बहादुर प्रसाद बाखला का ओवरआल सर्विस रिकॉर्ड बहुत खराब है. उसे लगातार कई वर्षों तक ग ( C ) कैटोगरी मिला है.

इसके साथ ही उसे संपूर्ण सर्विस पीरियड में सजा बहुत ज्यादा और ईनाम बहुत कम मिला है. जो कि अनिवार्य सेवानिवृत्त किये जाने के लिए पर्याप्त आधार है. हाइकोर्ट द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात इंस्पेक्टर बहादुर प्रसाद बाखला के विरुद्ध जारी अनिवार्य सेवानिवृत्त के आदेश को सही पाते हुए जस्टिस पी सैम कोशी ने रिट याचिका खारिज कर दी.