Bilaspur News Update: बिलासपुर. मुंगेली और तखतपुर को जोड़ने वाली जर्जर मनियारी पुल की मरम्मत करने 64 करोड़ की राशि शासन ने मंजूर कर ली है. महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच में यह जानकारी दी. अगली सुनवाई सितंबर में है. इससे पूर्व छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मनियारी नदी में बने जर्जर पुल से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रकाशित समाचार पर स्वतः संज्ञान लिया और जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई शुरू की. जर्जर पुल पर दौड़ रहे भारी वाहनों का उल्लेख कर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत को इसे गंभीरता से लेने को कहा था. मामले में लोक निर्माण विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने कहा गया था. प्रकाशित खबर में बताया गया कि मुंगेली से बिलासपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के पर मनियारी नदी पर स्थित पुल जर्जर स्थिति में है. मामले में विगत फरवरी माह से सुनवाई चल रही है. हाईकोर्ट ने शासन से जानना चाहा कि इस पुल को कब तक दुरुस्त किया जाएगा. सड़कें कब ठीक होंगी. केंद्र शासन के साथ ही राज्य शासन की ओर से बताया गया कि, इसके लिए 64 लाख का बजट पारित कर किया गया है. इससे पुल की मरम्मत शुरू की जाएगी. अगली सुनवाई सितंबर में होगी.

पुल पार करते थमीं रहती है लोगों की सांसें

तखतपुर-बरेला मनियारी नदी पर अंग्रेजी हुकूमत के दौर में बने पुल की बदहाली अब काफी तकलीफदेय हो गई है. मुंगेली-बिलासपुर दो जिले को जोड़ने वाले इस पुल पर सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आ रहे हैं. पुल पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन का आना-जाना होता है. जर्जर पुल से सुरक्षित पार होने तक लोगों की सांसें मानों थमीं रहती है. बारिश में सड़क पर पानी जमा होने से परेशानी और भी बढ़ जाती है.

दो साल पहले 45 लाख में हुई थी रिपेयरिंग

तखतपुर-बरेला मनियारी पुल के मरम्मत के लिए वर्ष 2022-23 में 45 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी. मरम्मत का कार्य हुआ लेकिन 45 लाख का काम अगर 45 महीना भी नहीं चल सका. रिपेयरिंग के दौरान अंग्रेजों के जमाने के बने इस पुल से बड़े-बड़े पत्थर को निकाल दिया गया और डामर रोड बनाया गया. डामर रोड तो धुल गया अलबत्ता पत्थर निकालने की वजह से इस पुल में गड्ढे हो गए हैं और इसकी मजबूती कम हो गई है.

13 सालों से कागज में मृत रामगोपाल आज मनाएंगे 82 वां जन्मदिन

बिलासपुर. कागजों में मृत घोषित बिलासपुर के रामगोपाल गौरहा का जन्मदिन 16 जुलाई को है. उम्र के 82वें साल में कदम रखने जा रहे रामगोपाल की जिंदगी आज भी सरकारी सिस्टम के पेंचों में उलझी है. वे 13 साल से सरकारी रिकॉर्ड में ‘मृतक’ दर्ज हैं, जबकि असल जिंदगी में वे जिंदा हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. रामगोपाल गौरहा बिलासपुर के तिफरा इलाके के रहने वाले हैं. उनके परिवार के मुताबिक, करीब एक दशक पहले राजस्व रिकॉर्ड में उन्हें मृत दिखा दिया गया. उनकी जमीन किसी और के नाम चढ़ा दी गई. रामगोपाल दर्जनों बार तहसील, कलेक्टोरेट और कोर्ट के चक्कर काटे, मगर आज तक न तो रिकॉर्ड सुधरा और न ही वे सरकारी योजनाओं के हकदार बन पाए.

अपने आप को जीवित साबित करने कराया एफआईआर

रामगोपाल गौरहा 13 सालों तक अपने आप को जिंदा साबित करने और अपनी संपत्ति को पाने के लिए सरकारी अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे. हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा. पर न तो उन्हें कागजों में जिंदा किया गया और न ही उन्हें उनकी संपत्ति मिली. इस सबसे परेशान होने के बाद वे 8 मार्च 2025 को सिरगिट्टी थाना पहुंचे और एफआईआर कराया. उन्होंने रुपराम दुबे, बिहारी लाल दुबे, बेनीराम दुबे और निर्मला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उसकी संपत्ति को अवैध तरीके से अपने नाम कराने के लिए सरकारी अधिकारियों से मिलकर उन्हें कागजों में मृत बता दिया है.

दो दिन से गायब युवक की नदी में मिली लाश

बिलासपुर. कोतवाली क्षेत्र के जूना बिलासपुर में दो दिन से गायब युवक की लाश मिली है. इसकी सूचना पर पुलिस ने एसडीआरएफ की सहायता से शव निकलवाकर पीएम के लिए भेज दिया है. पीएम की रिपोर्ट से युवक की मौत का कारण स्पष्ट होगा. कोतवाली थाना प्रभारी विवेक पांडेय ने बताया कि मंगलवार की सुबह कुछ लोगों ने पचरीघाट के पास नदी में एक युवक का शव देखकर पुलिस को सूचना दी. इस पर पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई. नदी के बहाव को देखते हुए पुलिस ने इसकी जानकारी एसडीआरएफ को दी. तब एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई. युवक की पहचान सीपत क्षेत्र में रहने वाले राजेंद्र उर्फ राजू सूर्यवंशी (26) के रूप में हुई. स्वजन ने बताया कि राजेंद्र पोताई और दीवार पर डिजाइन बनाने का काम करता था. रविवार को वह अपने दोस्त कुश कुमार के साथ निकला था. उसने अपने दोस्त के साथ शराब पी. इसके बाद दोनों अपने घरों की ओर निकल गए. इधर राजेंद्र अपने घर नहीं पहुंचा. इसके बाद स्वजन ने सोमवार को युवक के गायब होने की शिकायत की. इस पर सरकंडा पुलिस ने गुम इंसान कायम कर लिया. इधर मंगलवार की सुबह उसका शव मिला है. पुलिस ने उसके दोस्त से पूछताछ की है. पीएम रिपोर्ट से युवक की मौत का कारण स्पष्ट होने की बात कही जा रही है.

सुशासन तिहार की आड़ में जनपद पथरिया में 16 लाख का गबन !

पथरिया ग्रामीण. एक ओर राज्य सरकार सुशासन और पारदर्शिता के नाम पर “समाधान शिविर” जैसी योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर इन योजनाओं की आड़ में कुछ अधिकारी खुलेआम गबन और भ्रष्टाचार का खेल, खेल रहे हैं. जनपद पंचायत पथरिया में लगभग 16,09,700 (सोलह लाख नौ हजार सात सौ रुपये) की शासकीय राशि के दुरुपयोग की शिकायत कलेक्टर से की गई है. आरोप है कि समाधान शिविर के नाम पर जनपद पंचायत पथरिया अंतर्गत 64 ग्राम पंचायतों से संबंधित सामग्री खरीद और व्यवस्था के नाम पर उक्त राशि कुछ चुनिंदा फर्मों के खातों में ट्रांसफर की गई. लेकिन ग्राम पंचायतों को इसकी जानकारी ही नहीं दी गई. बताया जा रहा है कि डिजिटल सिग्नेचर जनपद कार्यालय में जबरन रखवाकर ट्रांजेक्शन हुए. भुगतान जिन फर्मों को किया गया, बिलों में उनका नाम तक नहीं है. सभी भुगतान में न तो सामग्री की डिलीवरी है, न फोटो, न ही कोई साइट रिपोर्ट या प्रमाण. कई पंचायतों के सरपंच व सचिवों ने बताया कि हमसे बिना पूछे डिजिटल सिग्नेचर जनपद में रखवा लिए गए और भुगतान कर दिए गए. आज जनदर्शन में दीपक साहू, पार्षद शिवाजी वार्ड नं. 11 पथरिया एवं संयुक्त महामंत्री, जिला कांग्रेस कमेटी मुंगेली ने कलेक्टर कुंदन कुमार को इस गड़बड़ी की लिखित शिकायत सौंपते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है. जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि इस गंभीर वित्तीय अनियमितता की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराई जाए. सभी फर्मों की डिलीवरी, टैक्स इनवॉइस, जीएसटी स्थिति, बैंक स्टेटमेंट की जांच हो. जिन सरपंचों और सचिवों की जानकारी बिना भुगतान हुआ, उन्हें माफ किया जाए और दोषी अधिकारी निलंबित कर प्राथमिकी दर्ज की जाए. संपूर्ण राशि पंचायतों को लौटाई जाए.

तोखन ने ली एनबीसीसी की प्रगति समीक्षा बैठक

बिलासपुर. नई दिल्ली स्थित निर्माण भवन में मंगलवार को केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने एनबीसीसी (नेशनल बिल्डग्रिंस कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के दौरान एनबीसीसी की कई परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति, उपलब्धियों और चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की गई. मंत्री साहू ने परियोजनाओं में समयबद्धता, गुणवत्ता और पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया और मंत्रालय के सहयोग और सुधारों पर भी विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय पूरी तरह से एनबीसीसी की परियोजनाओं के सफल क्रियांवयन में सहयोग देने को तत्पर है और आवश्यक सुधारों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा में पूरी हो सकें. बैठक में भारत के नेट जीरो लक्ष्यों के अनुरूप सतत विकास और तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं की दिशा तय की गई. मंत्री ने एनबीसीसी की टीम को नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता की अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखने का आह्वान किया.