Bilaspur News Update:  बिलासपुर. उसलापुर स्टेशन में ड्रॅप एंड गो स्वचालित बूम बैरियर की सुविधा शुरू कर दी गई है, इससे परिजनों को छोड़ने और लाने आए वाहन चालकों को सात मिनट तक निःशुल्क पार्किंग की सुविधा मिलेगी. निर्धारित समय से अधिक रूकने पर शुल्क देना होगा.

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल के उसलापुर रेलवे स्टेशन को यात्री सुविधाओं की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है. वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह के मार्गदर्शन में मंडल वाणिज्य विभाग द्वारा स्टेशन परिसर में ड्रॉप एंड गो की अत्याधुनिक सुविधा प्रारंभ कर दी गई है, जिससे अब यात्रियों को अपने परिजनों को स्टेशन छोड़ने अथवा लेने के लिए सात मिनट तक पार्किंग शुल्क नहीं देना होगा. उसलापुर स्टेशन इस सुविधा को लागू करने वाला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का पहला स्टेशन बन गया है. सुविधा की पारदर्शिता बनाए रखने हेतु स्टेशन पर अत्याधुनिक ऑटोमैटिक बूम बैरियर लगाया गया है, जो वाहन के प्रवेश और निकास समय को स्वतः रिकॉर्ड करता है. यदि कोई वाहन सात मिनट से अधिक स्टेशन परिसर में रुकता है, तभी निर्धारित शुल्क लागू होगा. स्टेशन परिसर में पार्किंग व्यवस्था को विवाद रहित व व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है.

पार्किंग व्यवस्था में आएगी पारदर्शिता

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रयास स्टेशन को स्मार्ट और यात्री अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस सुविधा के माध्यम से यात्रियों को तेज, पारदर्शी और विवाद-मुक्त पार्किंग का अनुभव प्राप्त होगा.

मुआवजाः रेलवे ने एक और शासन ने 2 लाख रुपए दिए

बिलासपुर. 11 घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण इलाज में देर से मरीज की मौत होने के मामले में सोमवार को राज्य शासन ने हाईकोर्ट को बताया कि परिजन को दो लाख रुपए मुआवजा दिया गया है. उधर बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला को एंबुलेंस न मिलने से मौत के मामले में रेलवे ने बताया कि, एक लाख रुपए मुआवजा जारी किया गया है, लेकिन महिला का पता न होने के कारण राशि नहीं दी जा सकी है, पता चलते ही मुआवजा दे दिया जाएगा.

दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत रॉजे निवासी मुन्ना राम कश्यप बीमार था. उसे लगातार उल्टी हो रही थी. मुन्ना राम को अस्पताल ले जाने के लिए संजीवनी 108 को परिजन ने लगातार कॉल किया, लेकिन 11 घण्टे में 12 बार कॉल करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. मृतक के भाई ने बताया कि, सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर पहला कॉल किया गया था. कॉल उठाया और काट दिया, इसके बाद लगातार कॉल करते रहे. कॉल सेंटर से कहा गया था कि एंबुलेंस को मौके पर भेज रहे हैं, थोड़ा इंतजार करिए. करीब 12 बार कॉल और 11 घंटे इंतजार करने के बाद भी 108 समय पर नहीं पहुंची. दिनभर के बाद शाम 7.30 से 8 बजे के बीच 108 आई, तब तक मरीज को निजी वाहन के माध्यम से अस्पताल लाया जा चुका था. अस्पताल लाने के बाद डॉक्टर इलाज कर रहे थे, इसी बीच करीब 10 मिनट के अंदर ही मरीज ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और जमकर हंगामा हुआ. इस घटना की खबर मिलते ही आदिवासी समाज के लोग भी पहुंचे. ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची इसलिए मरीज की जान चली गई. अप्रैल 2025 में हुई इस घटना पर मीडिया की खबरों के आधार पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था.

बदहाल 108 एंबुलेंस सेवा पर जारी रहेगी कोर्ट की मॉनिटरिंग

बिलासपुरएम्बुलेंस सेवा 108 की जर्जर स्थिति पर हाईकोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि राज्य में कुल 298 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और 30 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं. इसके साथ-साथ इन एम्बुलेंसों में दवाइयां और उपकरण भी उपलब्ध हैं. मामले को मॉनिटरिंग के लिए रखते हुए अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है.

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि, कोर्ट के गत 14फरवरी 2025 के आदेश के अनुसरण में, सुनवाई की पूर्व तिथि 17मार्च 2025 को, स्वास्थ्य विभाग के सचिव द्वारा एक हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि एम्बुलेंस में दवाइयां और उपकरण भी उपलब्ध हैं. इससे पूर्व छत्तीसगढ़ में 108 एंबुलेंस सेवा की जर्जर हालत पर हुई सुनवाई में सरकार की ओर से शपथपत्र पेश किया गया, जिसमें बताया गया था कि प्रदेश में कुल 328 एम्बुलेंस चल रही हैं. इनमें दो तरह का लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है. पहली केटेगरी में बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है. दूसरी केटेगरी में एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम रखा गया है.

अधिकतर एंबुलेंस सुविधाहीन और जर्जर

108 वाहनों के संबंध में आई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से संचालित एंबुलेंसों की हालत बिगड़ती जा रही है. नियमों के मुताबिक, 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी गाड़ियों को बंद किया जाना चाहिए, लेकिन अधिकांश 108 एंबुलेंसों के माइलेज मीटर ही काम नहीं कर रहे हैं. इन गाड़ियों का नियमित निरीक्षण भी नहीं किया जा रहा, जिससे इनकी फिटनेस पर सवाल उठ रहे हैं. एंबुलेंसों में फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयां और उपकरण भी पर्याप्त नहीं हैं. कई मामलों में एक्सपायरी दवाइयां एंबुलेंसों में पाई गई हैं.

बिना अनुमति होर्डिंग हटाए गए, कचरा फैलाने वालों पर जुर्माना गाड़ियां जब्त

बिलासपुर. नगर निगम की अतिक्रमण निवारण एवं स्वच्छता टीम ने सोमवार को शहर में स्वच्छता एवं नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की. सकरी क्षेत्र स्थित टीवीएस शोरूम द्वारा लगातार कचरा फैलाने और पूर्व में लगाए गए जुर्माने का भुगतान न करने पर निगम टीम ने शोरूम की कुछ टीवीएस गाड़ियां जब्त कर लीं. टीम ने चेतावनी दी कि भविष्य में भी यदि कचरा फैलाने की प्रवृत्ति जारी रही, तो और अधिक सख्त कदम उठाए जाएंगे. टीम ने सत्यम चौक के पास बिना अनुमति लगाए गए एक बड़े विज्ञापन होर्डिंग को हटाया. निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिना स्वीकृति के लगाए गए किसी भी प्रचार सामग्री को हटाया जाएगा और संबंधित संस्था पर अर्थदंड भी लगाया जा सकता है. वहीं उसलापुर क्षेत्र में स्थित दादूराम ट्रेडर्स के द्वारा सार्वजनिक स्थान पर सामान रखकर अतिक्रमण करने और आसपास गंदगी फैलाने की शिकायत पर स्वच्छता टीम ने मौके पर पहुंचकर 3000 रुपए का जुर्माना लगाया.