डब्बू ठाकुर,कोटा। बिलासपुर जिले के रतनपुर में लॉकडाउन के दौरान पीडीएस चावल की जमकर हेराफेरी कर गरीबों के पेट में डाका डाला गया था. पीडीएस चावल में भ्रष्टाचार करने का आरोप रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे पर लगा था. पार्षदों ने कलेक्टर से अध्यक्ष की शिकायत की थी. जिसके बाद नायब तहसीलदार, सहायक खाद्य अधिकारी कोटा और सहकारिता विस्तार अधिकारी कोटा ने नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यालय में छापेमार कार्रवाई कर 71 बोरी चावल बरामद किया था. जिससे यह साफ हो गया कि घोटाला तो हुआ है. अब घनश्याम रात्रे पुलिस की गिरफ्त में है.

पीडीएस घोटाला मामले में नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे के अलावा मुख्य नगरपालिका अधिकारी मधुलिका सिंह पर भी मिली भगत का आरोप लगा था. इन आरोपों को घनश्याम रात्रे ने राजनीतिक षड्यंत्र बताया है. आरोप ये भी लगा कि अध्यक्ष के पक्ष में भाजपा के बड़े नेताओं ने आईजी से मुलाकात कर इस मामले को खत्म करने का निवेदन किया था.

जांच के दौरान पीडीएस दुकान रानी दुर्गावती स्व.सहायता समूह के संचालक राजेंद्र महावर और महामाया उपभोक्ता भंडार रतनपुर के संचालक जितिन महावर द्वारा पीडीएस के चावल को अधिक राशि में बेचने की पुष्टि हुई थी. इस कार्रवाई के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे के कार्यालय से 64 प्लास्टिक बोरी सहित सिलाई मशीन और वाचनालय भवन में 7 बोरियां बरामद हुई थी.

इस मामले में विपक्ष लगातार मोर्चा खोले हुए था. मजेदार बात यह है कि उनके खिलाफ कांग्रेस के अलावा उनकी बीजेपी पार्टी के पार्षदों ने भी मोर्चा खोल रखा था. जिनका आरोप है कि बगैर टेंडर के पीडीएस के चावल की जमाखोरी की गई है.

इस मामले में आरोपी घनश्याम रात्रे का तर्क था कि जिस चावल को उनके पास से बरामद किया गया है उनमें से अधिकांश चावल उन्हें दानदाताओं द्वारा उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने तो इसे सीएमओ मधुलिका सिंह को हटाने की मुहिम के साथ भी जोड़ दिया था. इसके बाद भी गुरुवार को नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे को रतनपुर थाना प्रभारी ललिता मेहर ने बिलासपुर में उनके ससुराल से गिरफ्तार किया है.