सूरत 12 वर्ष की उम्र में भव्‍य शाह हाल ही में जैन भिक्षु बने हैं जिसे लेकर उनका परिवार खुश है और इसके लिए धूमधाम से पवित्र आयोजन किया गया है। इस मौके पर भव्‍य शाह ने कहा, ‘ईश्‍वर के दिखाए सच्‍चे मार्ग को अपनाकर मैं खुश हूं। ‘उन्‍होंने आगे कहा, ‘मैं अपने माता-पिता को छोड़ रहा हूं क्‍योंकि उन्‍होंने मुझे सिखाया कि यही सच्‍चा मार्ग है। मेरे पिता और मां भी एक दिन इसी मार्ग पर आएंगे।‘

उनके पिता दीपेश शाह एक हीरा व्‍यापारी हैं। उन्‍होंने बताया, ‘भव्‍य के दीक्षा संस्‍कार को लेकर हमारा परिवार काफी खुश है। जब उनसे पूछा गया कि इसे लेकर क्‍या वो दुखी हैं, तब उन्‍होंने बताया, ‘नहीं मैं खुश हूं। चार साल पहले मेरी बेटी ने भी 12 साल की उम्र में ऐसा ही किया था।’

भव्य के बाद एक और कारोबारी परिवार लेने जा रहा दीक्षा

हीरा व्यापारी दीपेश शाह के 12 वर्षीय बेटे भव्य जैन के भिक्षु बनने के बाद अब शहर के एक और हीरा व्यापारी ने परिवार समेत उनका अनुसरण करने का फैसला किया है । 25 अप्रैल को ये परिवार विधि विधान से दीक्षा लेने जा रहा है । सूरत में हीरे का व्यापार करने वाले उक्त बिजनसमैन ने अपनी पत्नी और 2 बच्चों के साथ 25 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित होने जा रहे एक भव्य समारोह में दीक्षा लेने का ऐलान किया है ।