Biranpur violence case: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल 2023 को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में ढाई साल बाद स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई ने कोर्ट में धारा बढ़ाने का आवेदन लगाया था. कोर्ट में आज दोनों पक्षों के आवेदन पर बहस हुई. सीबीआई वकील ने कहा, 6 नए आरोपियों के नाम आने के बाद कई नए तथ्य सामने आए हैं, इसलिए धारा बढ़ाई जाए. वहीं बचाव पक्ष ने कहा, धारा बढ़ाए जाने का औचित्य ही नहीं है. सीबीआई के आवेदन पर अब 19 नवंबर को फैसला होगा.

क्या है बिरनपुर हिंसा मामला?
बिरनपुर हिंसा मामला शुरू हुआ था दो बच्चों की मामूली लड़ाई से, जो देखते-देखते हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसक झड़प में बदल गया. 8 अप्रैल 2023 को साजा विधायक ईश्वर साहू के 22 वर्षीय पुत्र भुनेश्वर साहू की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद तनाव इतना बढ़ा कि 10 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया. गांव में आगजनी हुई और मुस्लिम समुदाय के रहीम (55) व उनके पुत्र ईदुल मोहम्मद (35) की भी हत्या हो गई. प्रशासन ने धारा 144 लागू की और करीब दो सप्ताह तक गांव में कर्फ्यू रहा. पुलिस ने शुरुआत में 12 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन CBI ने अपनी जांच में 6 नए आरोपियों का उल्लेख किया है.
सीबीआई चार्जशीट में खुलासा
CBI की 30 सितंबर 2025 को दाखिल चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. एजेंसी ने स्पष्ट किया कि यह राजनीतिक साजिश नहीं थी, जैसा कि विपक्ष दावा करता रहा है. चार्जशीट में पूर्व विधायक अंजोर यदु का नाम भी नहीं है, जबकि ईश्वर साहू लगातार उनकी भूमिका पर सवाल उठाते रहे. अप्रैल 2024 में CBI टीम ने बिरनपुर का दौरा कर नई जांच शुरू की थी.

