Bird flu in India: कोराना (Corona) के बाद विश्व में एक और नई महमारी के आने की आशंका ने पूरी दुनिया में डर पैदा कर दिया है। इस बीमार का नाम बर्ड फ्लू (Bird flu) है। लेकिन जिस साब से दुनियाभर में बर्ड फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इससे किसी नई महमारी की आशंका बढ़ गई। यह वायरस पक्षियों में होता है, लेकिन इंसान में संक्रमण के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढा दी है। भारत में एक 4 साल के बच्चे को बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। यह भारत में दूसरा केस है। तो आइए जाते हैं अगर बर्ड फ्लू महामारी का रूप लेता है तो भारत जैसे सघन जनसंख्या वाले देश में कितना कहर मचा सकता है। साथ ही इसे कैसा रोका जा सकता है।
कुछ महीनों पहले की बात है अमेरिका में पशुओं में बर्ड फ्लू यानी H5N1 वायरस फैलने लगा था. हजारों गायों में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद डेनमार्क और कनाडा में भी जानवरों में ये वायरस मिला था। करीब 26 प्रजातियों में इसकी पुष्टि हुई थी। यह एक चिंता वाली बात थी क्योंकि बर्ड फ्लू का संक्रमण आमतौर पर पक्षियों में ही देखा जाता था।
अब बर्ड फ्लू एक बड़ा खतरा बड़ा बनता नजर आ रहा है। कुछ दिनों पहले मैक्सिको में एक व्यक्ति की मौत इस वायरस से हुई थी। यह बर्ड फ्लू से इंसान की डेथ का पहला मामला था। इस मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया था। कुछ दिन ही बीते हैं और अब भारत में भी एक बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई है। पश्चिम बंगाल में 4 साल के बच्चे में H5N1 वायरस मिला है। इतनी घनी आबादी वाले देश में बर्ड फ्लू का इंसानी संक्रमण चिंता बढ़ाने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंसानों में यह वायरस आसानी से नहीं होता है। भारत में केवल दो ही ऐसे केस आए हैं। एक मामले 2019 में आया था।
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कहां से आया था बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू का पहला मामला 1996 में चीन के गुआंगडोंग में मुर्गी पालन केंद्र में मौजूद मुर्गियों में पाया गया था। 1997 में इस वायरस से इंसान की मौत हुई थी। साल 2020 में इस वायरस के कई म्यूटेशन देखने को मिले थे। साल 2022 तक यह जंगली पक्षियों में देखा गया था। वहीं बीते एक साल में एच5एन1 वायरस के लाखों मामले सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में पक्षियों के बाद अब इस वायरस से जानवर भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं।
इस वायरस से इंसानों के बचाव के लिए कोई निर्धारित इलाज भी नहीं
पोल्ट्री फॉर्म में काम करने वाले लोगों में इस वायरस से संक्रमित होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है। वायरस से संक्रमित पक्षी के मल या मूत्र के संपर्क में आने से वायरस इंसानों में फैल सकता है। हालांकि इस वायरस का ट्रांसमिशन एक से दूसरे इंसान में मुश्किल से होता है, लेकिन जिस हिसाब से केस आए हैं उसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है। इस वायरस से इंसानों के बचाव के लिए कोई निर्धारित इलाज भी नहीं है। लिहाजा यह काफी खतरनाक बन सकता है।
क्या बर्ड फ्लू को रोका जा सकता है
महामारी विशेषज्ञ के अनुसारपक्षियों और जानवरों में बर्ड फ्लू का संक्रमण रोकना आसान नहीं है, लेकिन इंसानों में इसके संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मुर्गी पालन करने वाले लोग संक्रमति पक्षी से दूरी बनाकर रखें। अगर कोई पक्षी या जानवर संक्रमित है तो अधिकारियों को इसकी सूचना दें। अगर आपको बुखार आना, सांस लेने में परेशानी और सिर में दर्द का लक्षण नजर आ रहा है तो डॉक्टर से सलाह लें।
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