सत्या राजपूत, रायपुर। बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में अस्पताल की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है और तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

जिम्मेदार पाए गए ये अधिकारी और कर्मचारी

जांच में अस्पताल प्रभारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और मेल स्टाफ नर्स को दोषी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी की डिलीवरी के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, और देखभाल का जिम्मा मेल नर्स पर था, जिसने मृतका के परिजनों से अशोभनीय व्यवहार भी किया था।

जांच समिति में शामिल रहे ये विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति में डॉ. संजीव वोहरा – जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. निर्मला यादव – स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा राव – एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति नारायण – नोडल अधिकारी, मातृत्व शाखा शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

जानिए क्या था मामला ?

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी के करीब 12 घंटे बाद देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिजनों के अनुसार, वार्ड ब्वॉय द्वारा दिए गए इंजेक्शन और पानी पिलाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई, लेकिन समय पर कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। दर्द से कराहती साक्षी की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार भी किया गया।

रिपोर्ट मिलने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेगा। मृतका के पति दीपक निषाद पहले ही CMHO और थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट पर जल्द ही उच्चस्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

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