नई दिल्ली। आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज 88वीं जयंती हैं. एपीजी अब्दुल कलाम आज के ही दिन जन्मे थे. कलाम जितने महान वैज्ञानिक थे, उतने ही शांत व्यक्ति जिनके मन में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना पलता था. उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था. उनका जन्म आज ही के दिन 15 अक्टूबर 1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था.

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म पेशे से मछुआरा परिवार में हुआ था. उनके पांच भाई और पांच बहन थे. इनके पिता नाविक थे और मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे. ऐसा माना जाता है कि कलाम साहब का बचपन काफी गरीबी में बीता है. यही वजह है कि इतने बड़े परिवार का भरन-पोषण करना और शिक्षा दिलाना जब कलाम साहब के पिता के लिए मुश्किल होने लगा तब एपीजे अब्दुल कलाम ने बचपन में अखबार भी बेचा. अखबार बेचकर वह अपने पढ़ाई का खर्च भी निकालते थे. गरीबी में जन्में अब्दुल कलाम रेलवे स्टेशन पर अखबार बेचा करते थे लेकिन उन्होंने अपने हालातों के आगे कभी हिम्मत नहीं हारी और सपनों को मरने नहीं दिया.

1997 में मिला भारत रत्न

बता दें कि देश के 11वें राष्ट्रपति कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया है. रामानुजन पुरस्कार, मानद डॉक्टेरेट, डॉक्टर ऑफ साइंस आदि जैसे कई सम्मान मिल चुके थे. भारत के सर्वोच्च पद पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया था.

कैसा रहा कलाम का सफर?

  • साल 1962. कलाम पहली बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र(ISRO) पहुंचे. कलाम प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे जब भारत ने अपना स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. कलाम ने स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया, जिसके चलते अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक बनीं.
  • सन 1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे. जब वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दोबारा न्यूक्लियर टेस्ट किया तब कलाम ने बड़ी भूमिका निभाई.
  • कलाम की अगुवाई में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टैंकभेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च वेहिकल (रेक्स) पर खूब काम हुआ. पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग नाम के मिसाइलों का निर्माण हुआ.

एपीजे अब्दुल कलाम के विचार

  • सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें.
  • जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें क्योंकि फेल मतलब फर्स्ट अटैम्प्ट इन लर्निंग होता है.
  • अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा.
  • आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है.
  • इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.

27 जुलाई, 2015 को हुआ निधन

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलॉंग में निधन हो गया था वे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर देने गए थे. इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. उनके निधन के बाद सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी की गई थी.