2023 के नूंह हिंसा मामले में आरोपी गौरक्षक बिट्टू बजरंगी ने अपने अधिकारों का हवाला देते हुए कहा है कि उन्हें भी पूजा करने का हक है. उन्होंने सावन के पवित्र महीने के पहले सोमवार, 14 जुलाई को एक धार्मिक जुलूस में शामिल होने की अनुमति के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गौरक्षा बजरंग फोर्स के संस्थापक बिट्टू बजरंगी का विवादों से गहरा संबंध रहा है.
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इस वर्ष बिट्टू बजरंगी ने बृज मंडल यात्रा में शामिल होने के लिए प्रशासन को आवेदन प्रस्तुत किया था, जो अभी तक विचाराधीन है. उन्होंने बताया कि उन्होंने नूंह जाने की अनुमति मांगी है और इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है. उनका कहना है कि पूजा करने का अधिकार भी उन्हें है.
इस वर्ष 14 जुलाई को भगवान शिव के लिए आयोजित होने वाली पारंपरिक यात्रा के मद्देनजर अधिकारी उच्च सतर्कता पर हैं. नूह में जिला और पुलिस प्रशासन ने शांति समिति के सदस्यों और सरपंचों के साथ बैठकें आयोजित कीं. इन बैठकों में यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के उपायों पर चर्चा की गई.
नूंह पुलिस ने सोशल मीडिया पर अपनी निगरानी को बढ़ा दिया है. उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि बृज मंडल यात्रा के संदर्भ में जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है. सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं और सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं.
जुलाई 2023 में नूंह में विश्व हिंदू परिषद के एक जुलूस पर भीड़ के हमले के बाद हिंसा भड़क गई थी. इस झड़प में दो होमगार्ड सहित 5 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए. गुरुग्राम में आगजनी की घटनाओं के बीच एक मस्जिद में नायब इमाम की हत्या भी की गई.
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