रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व संसद सदस्य सुनील सोनी व संसद सदस्य अरुण साव ने प्रदेश सरकार पर बात-बेबात केंद्र सरकार को कोसने की प्रदेश सरकार की प्रवृत्ति पर निशाना साधा है। दोनों सांसदो ने कहा कि केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ लगातार अनर्गल बाते करने के बजाय प्रदेश सरकार कोरोना की रोकथाम के पुख़्ता इंतज़ाम में अपनी शक्ति व ऊर्जा लगाए ताकि छत्तीसगढ़ कोरोना के विस्फोटक फैलाव की दहशत से मुक्त हो सके। केंद्र सरकार के सहयोग से ही प्रदेश सरकार कोरोना संकट पर क़ाबू पा सकती है और इसलिए प्रदेश सरकार केंद्र से अनावश्यक टकराव से बचे।

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में देश के दीग़र कई राज्यों ने पुख़्ता इंतज़ाम किये और इसलिए उन राज्यों में कोरोना का फैलाव नियंत्रित रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार ने तो अपनी ज़िम्मेदारी का अहसास तक नहीं किया और अपनी हर ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार पर डालकर केवल केंद्र सरकार को कोसने और उससे अनावश्यक टकराव की नीति पर चलते हुए राजनीतिक नौटंकियों में ही वक़्त जाया किया। सिवाय केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रलाप करने और रोज़-रोज़ पैसे मांगने के लिए चिठ्ठियाँ लिखने के प्रदेश सरकार ने इन तीन महीनों के पूरे संकटकाल में अपनी ओर से किसी प्रभावित की कोई सहायता नहीं की, कोरोना मरीजों की जाँच व इलाज तक की कोई व्यवस्था नहीं की।

दोनों सांसदों ने कहा कि प्रदेश सरकार इस संकट की घड़ी में भी राजनीतिक ओछेपन से बाज नहीं आ रही है। अपनी झूठी वाहवाही कराने में मशगूल प्रदेश सरकार उन कामों का श्रेय भी लेने की शर्मनाक कोशिशों में लगी है जो केंद्र सरकार द्वारा किए गए हैं और किए जा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग में जिस एम्स चिकित्सा संस्थान ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, वह केंद्र सरकार द्वारा संचालित है, जिस मनरेगा की माला जपकर रोज़ प्रदेश की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था की मज़बूती की डींगें हाँकते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्रामीणों को रोज़गार देने की बात कर रहे हैं, उस मनरेगा के लिए पंचायतों को केंद्र सरकार के वित्त आयोग से राशि मिली है, कोरोना संकट केदौरान जारी लॉकडाउन से परेशान व प्रभावित करोड़ों परिवारों को तीन माह का भरपूर राशन केंद्र सरकार ने मुहैया कराया है। इसी तरह केंद्र सरकार ने करोड़ों परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस देने के साथ ही जन-धन खातों में नकद राशि जमा कराई, किसानों को सम्मान निधि मुहैया कराई और प्रदेश के तमाम सम्माननीय कोरोना व़रियर्स के ले पीपीई किट के साथ ही मास्क की आपूर्ति भी केंद्र सरकार ने की।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन मद के लिए प्रदेश सरकार को 216 करोड़ रुपए दिए। प्रदेश सरकार ने अपने नाकारेपन के चलते केंद्र सरकार के इतने सहयोग के बाद भी प्रदेश में अपनी ओर से कोई सहायता कार्यक्रम नहीं चलाया, न आपदा प्रबंधन मद की राशि क्वारेंटाइन सेंटर्स के सुचारु संचालन में खर्च की और न ही कोरोना की जाँच व इलाज की कोई पुख़्ता व्यवस्था के लिए लैब खोले, अस्पताल तैयार किए; तो फिर किस मुँह से केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रदेश सरकार प्रलाप कर रही है? जो प्रदेश सरकार कोरोना वॉरियर्स का सम्मान तक करना नहीं जानती, जो प्रदेश सरकार केंद्र के हर फैसलों के विरोध के इकलौते एजेंडे पर चलने पर ही आमादा है, वह सरकार अपनी विफलताओं से मुँह चुराने के लिए केंद्र सरकार के विरुद्ध बिलावज़ह प्रलाप करके प्रदेश को गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रही है।