रायपुर- बीजेपी ने कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोकने लागू हुए लाॅकडाउन के बीच बांटे जा रहे चावल में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. बीजेपी ने अपने आरोप में कहा है कि सरकार चावल का व्यवसाय कर रही है. पंचायतों में 32 रूपए और निकाय क्षेत्र में 33 रूपए के हिसाब से चावल बेचा जा रहा है. ऐसी खबरों के बीच सरकार निशुल्क चावल बांटे जाने का दावा क्यूं कर रही है?
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कई सोसाइटियों का दौरा करने और निकाय तथा पंचायतों के अधिकारियों से बात करने के बाद यह तथ्य सामने आया है कि निशुल्क में राशन बांटे जाने की सरकार की कथनी कोरी कल्पना है. सरकार निकायों को कह रही है कि वह नागरिक आपूर्ति निगम से चावल खरीदे. यह व्यवसाय नहीं है तो और क्या है? सरकार इसकी आड़ में चावल का व्यवसाय कर रही है. कौशिक ने कहा कि खुले बाजार में चावल 22 रूपए प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है.
नेता प्रतिपक्ष ने अपने आरोप में कहा है कि निशुल्क चावल की आड़ में वितरित किया जा रहा चावल राइस मिलों औऱ दुकानों को बेचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार चावल के नाम पर राजनीति कर रही है. वितरण के नाम पर की जा रही करतूतों की पोल खुल गई है. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.