रायपुर. भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकारों पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से करने की बात कही है.

भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल ने चार महत्वपूर्ण नियुक्तियों के आदेश जारी किए गए थे. विनोद वर्मा को राजनीतिक सलाहकार, रुचिर गर्ग को मीडिया सलाहकार, राजेश तिवारी को संसदीय सलाहकार और प्रदीप शर्मा को योजना एवं नीति सलाहकार बनाया गया था. नियुक्ति पत्र में कहा गया था परामर्श देंगे. राज्य शासन के विशेष सचिव का दर्जा दिया गया था.

शर्मा ने कहा कि किसी शासकीय पद में यदि किसी की नियुक्ति होती है तो व्यक्ति राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता, लेकिन चारों सलाहकारों को राजनीति करने और सार्वजनिक मंच में प्रवेश करने में कोई आपत्ति नहीं है. नवजोत सिंह सिद्धू की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजेश तिवारी मंच पर बैठे थे. विनोद वर्मा की फेसबुक आईडी में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करते दिख रहे हैं. इसी तरह रुचिर गर्ग और प्रदीप शर्मा भी सार्वजनिक मंचों पर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सीएम भूपेश बघेल के सलाहकारों को राजनीति करनी है तो शासकीय सेवा से रिजाइन करें फिर राजनीति करें.

विधायक ने इसे सिविल सेवा अधिनियम के नियम 5 का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट किया गया है कि शासकीय सेवक राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होगा. सिविल सेवा नियम 1965 में साफ है कि शासकीय सेवक को राजनीतिक गतिविधियों से वंचित रखा गया है. उन्होंने कहा कि हम निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत करने जा रहे हैं. साथ ही जोड़ा कि दुर्भाग्य से निर्वाचन आयोग ने बीजेपी की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की. छत्तीसगढ़ के निर्वाचन पदाधिकारी राज्य सरकार में दबाव में है, इसलिए कार्रवाई करने से बच रहे हैं.