रायपुर- कटघोरा के बांकीमोहरा क्षेत्र के हल्दीबाड़ी में बांस की अवैध कटाई के मामले में बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने रेंजर और डिप्टी रेंजर को बचाने के लिए आला अफसरों की लाॅबी सक्रिय होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अवैध कटाई की संलिप्तता जाहिर होने के बाद लीपापोती की जा रही है. बीट गार्ड को कार्रवाई की जद में लाने की कोशिशें बताती हैं कि दाल में कुछ काला है.
पूर्व वन मंत्री ने कहा कि अपना काम पूरे साहस और ईमानदारी से करने वाले जिस बीटगार्ड को सम्मानित व पुरस्कृत करना चाहिए था, उस पर कार्रवाई की चल रहीं कोशिशें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि अवैध कटाई के इस में विभाग के बड़े अधिकारियों और मंत्रियों के होश उड़े हुए हैं और अब कार्रवाई का भय दिखाकर बीटगार्ड का मुँह बंद करने की कवायद चल रही है. गागड़ा ने कहा कि इस मामले में डीएफओ की भूमिका भी सवालिया दायरे में है और उन्हें ही जाँच प्रतिवेदन तैयार करने का ज़िम्मा सौंपा जाना क्या यह इंगित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि मामले को दबाने के लिए किस तरह क़ायदे-क़ानूनों को बला-ए-ताक रखा जा रहा है?
डीएफओ के बयान को हास्यास्पद बताते हुए गागड़ा ने पूछा कि 359 हरे बाँस ‘गल्ती से कटने’ की बात कहकर डीएफओ आख़िर किसे बचाने में लगी हैं, क्योंकि जो रेंजर-डिप्टी रेंजर वहाँ बाँस कटवा रहे थे, वे कह रहे हैं कि विभागीय काम के लिए बाँस कटवाए जा रहे थे। हरे बाँस गल्ती से और वह भी इतनी संख्या में कैसे कट गए? पूर्व मंत्री गागड़ा ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, न तो वन संपदा ही सुरक्षित रह गई है और न ही वन्य प्राणियों की जान. विभागीय जाँच प्रतिवेदन की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए गागड़ा ने इस मामले में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है.
जांच चल रही है- मो.अकबर
इधर इस पूरे मामले में सरकार की नजर बनी हुई है. वन मंत्री मो.अकबर ने कहा कि- जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रकरण की जांच आधिकारिक स्तर पर जारी है. किसी को बचाने की कोशिश नहीं की जा रही. तमाम तथ्यों के आधार पर जांच होगी. जांच रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई तय की जाएगी.
निष्पक्ष जांच जारी है- डीएफओ
इधर इस मामले में कटघोरा डीएफओ शमा फारूखी ने लल्लूराम डाट काम से बातचीत में कहा कि इस पूरे मामले में हम निष्पक्ष जांच कर रहे हैं. जांच में जो तथ्य आएंगे, उसके मुताबिक हम कार्रवाई करेंगे.