सुशील सलाम, कांकेर. देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां राजनैतिक पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में व्यस्त है. वही राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के अंतरिक कलह के मामले सामने आ रहे है. मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है. जहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के आंतरिक कलह सामने आई है. जहां भाजपा के सैकड़ों वरिष्ठ कार्यकर्ता गुरुवार को पखांजुर सदभावना भवन में इकट्ठा होकर निष्किसित नेता सुभाष सरकार को पार्टी में वापस लेने की मांग किए. साथ ही मांग नहीं पूरी होने पर कार्यकर्ताओं ने नोटा का प्रयोग करने की चेतवानी तक दे डाली.

सांसद पर कार्यकर्ताओं पर उपेक्षा का लगाए आरोप

वर्तमान सांसद विक्रम देव उसेंडी को लेकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहे कि सांसद कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते है. साथ ही नाराज कार्यकर्ताओं ने कहे कि भाजपा के पदाधिकारियों के द्वारा पार्टी के होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी नहीं दी जाती. सांसद के इशारे पर बैंठके कर पार्टी से सबिंधत फैसले कर लिए जाते है. आरोप लगाते हुए कहे कि दूसरी पार्टी के छोड़कर आए कार्यकर्ताओं को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के लंबे समय से सेवा करते आ रहे कार्यकर्ताओं को पार्टी के जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के द्वारा उपेक्षा की जा रही है.

नोटा का प्रयोग करने की दिए चेतावनी

गौरतलब है कि गुरुवार को ग्राम पंचायत मायापुर में सांसद विक्रम देव उसेंडी समेत तमाम भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मायापुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल थे। वहीं सांसद के कार्यप्रणाली से नाराज कार्यकर्ताओं ने पखांजुर के सदभावना भवन में बैठक आयोजित कर सांसद के कार्यक्रम का विरोध किया है। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहे कि वर्षो से भाजपा में काम कर रहे पूर्व मंडल अध्यक्ष सुभाष सरकार को सांसद ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिससे कार्यकर्ताओं को काफी आहत पहुंचा है। कार्यकर्ताओं ने पूर्व मण्डल अध्यक्ष सुभाष सरकार को पुनः भाजपा पार्टी में शामिल किए जाने की मांग किए. वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो हजारों की संख्या में कार्यकर्ता भाजपा से इस्तीफा देकर नोटा में मतदान करने को मजबूर होंगे।