सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना ने एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पीएल पुनिया के इस बयान पर पलटवार करते हुए इसे पुनिया का दिवालियापन करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये विशुद्ध रूप से कांग्रेस के नेताओं का और विशेष रूप से पीएल पुनिया का दिवालियापन है. कुछ दिनों पहले राहुल गांधी कहते हैं कि प्रधानमंत्री को डंडे से पीटा जाएगा. लेकिन पूनिया जी के उम्र का यह तकाजा भी है, वे एक वरिष्ठ नेता भी है. हमें उनसे इस तरह की उम्मीद नहीं थी.

संजय श्रीवास्तव ने कहा कि वे प्रधानमंत्री को गोडसे के साथ जोड़कर उन्हें अपमानित किये हैं, हम कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हैं और उन्होंने एक बात कही कि गोडसे ने गांधी जी को प्रणाम करके गोली मारी. प्रधानमंत्री 2014 में जब संसद की सीढ़ियों को प्रणाम कर के जाते है ये सवाल भी उन्होंने उसमे जोड़ा है. भारतीय संस्कृति की परंपरा है कि हम जब भी किसी नई चीज की शुरुआत करते है तो प्रणाम करके जाते है चाहे वो पूजा स्थल हो या कार्यस्थल वहां हम पहले दिन पूजा करते है प्रणाम करते है. जो शायद कांग्रेस के रीति-रिवाजों और संस्कारो में नहीं है. दूसरा विषय जो उन्होने जोड़ा कि गोडसे ने गांधी जी प्रणाम करके गोली मारी इसका तात्पर्य है कि प्रणाम करना हमारी संस्कृति नहीं है, छोटे भी अपने से बड़े या अपने माता पिता को प्रणाम करते हैं. क्या पुनिया जी ये कहना चाहते हैं कि वो प्रणाम करने वाले समय आने पर अपने माँ बाप को गोली मारेंगे. शायद ये पुनिया जी के मानसिक दिवालिया पन को प्रदर्शित करता है.

आपको बता दें गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने एससी-एसटी की नियुक्ति और प्रमोशन पर आरक्षण के मसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले को लेकर प्रेसवार्ता लिये थे. जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से कर दी थी. उन्होंने कहा था कि भाजपा और RSS के लोग जिनका सम्मान करने का दिखावा करते है उन्हीं को समाप्त भी करते है. मोदी और गोडसे में एक समानता है. जिस तरह गोडसे ने गांधीजी को गोली मारने से पहले पैर छुए उसी तरह मोदी ने सदन और संविधान पर मत्था टेका. लेकिन आज दोनों की व्यवस्थाओं को समाप्त किया जा रहा है.