रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश सरकार द्वारा डॉ. आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट संविदा नियुक्ति को नियमत: अवैध बताया है. कौशिक ने कहा कि यह संविदा नियुक्ति प्रदेश सरकार की ग़लत मंशा का अवैध विस्तार है. संविदा भर्ती नियम 9/2012 के मुताबिक सेवानिवृत्त अधिकारी के विरुद्ध यदि कोई विभागीय जांच लम्बित हो या उसके विरुद्ध कोई अभियोजन चल रहा हो तो ऐसी स्थिति में उक्त अधिकारी की पोस्ट रिटायरमेंट संविदा नियुक्ति अवैध है. नियम यह भी कहता है कि जिस पद पर संविदा नियुक्ति करनी हो, वह पद एक साल से रिक्त होना चाहिए. कौशिक ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि डॉ. शुक्ला की नियुक्ति इसलिए भी अवैध है क्योंकि नियमानुसार किसी नियुक्ति वाले पद के लिए जब तक सरकारी अधिकारी आवश्यक अर्हताएं रखते हैं तब सरकार कोई ऐसा तर्क नहीं दे सकती कि निर्धारित पद के लिए हमारे पास कोई क़ाबिल अधिकारी मौज़ूद नहीं है.

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा की गई ताज़ा संविदा नियुक्ति उसकी बदनीयती का उदाहरण है. डॉ. शुक्ला नान घोटाले में चार्जशीटेड हैं और उनके ख़िलाफ़ अभियोजन चल रहा है. यहां तक कि तत्कालीन मुख्य सचिव ने उनके निलंबन की सिफ़ारिश भी की हुई है. ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारी को संविदा नियुक्ति देकर प्रदेश सरकार ने घोटालेबाजों को संरक्षण देकर उपकृत करने की अपनी शर्मनाक मंशा का परिचय दे दिया है.

कौशिक ने कहा कि भ्रष्टाचार के एक आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति कर और उसे प्रमुख सचिव स्तर की ज़िम्मेदारी सौंपकर प्रदेश सरकार ने अपनी प्रशासनिक समझ और सूझबूझ के दीवाला पिट जाने का परिचय तो दिया ही है. साथ ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपने राजनीतिक पाखंड का पोषण भी किया है. कौशिक ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को लेकर आला स्तर तक जाएगी, जनता को इस मुद्दे पर जागरूक करेगी और न्यायालय में प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती भी देगी.