रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की पूर्व संध्या पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा की कथनी-करनी में भारी अंतर का उल्लेख करते हुए उसे जनविरोधी, सांप्रदायिक और फासीवादी पार्टी करार दिया है. भाजपा को निर्णायक रूप से परास्त करने, विधानसभा में वामपंथ की उपस्थिति सुनिश्चित करने और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन की अपील आम जनता से की है.
पार्टी की इस अपील को मीडिया के लिए माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने जारी किया. अपील में माकपा ने कहा है कि भाजपा ने आम जनता से जो वादे किए थे, उसने उन वादों को पूरा नहीं किया और नव-उदारवादी नीतियों पर अमल के कारण आम जनता की दुश्वारियां बढ़ी हैं. इनकी नीतियों के खिलाफ मेहनतकशों ने जब भी आवाज उठाई हैं, सत्ता की पाशविक ताकत के बल पर उसे निर्ममता से कुचला ही गया है. आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं और नागरिक स्वाधीनता और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को ‘नक्सली और देशद्रोही’ कहकर प्रताड़ित किया जा रहा है.
अपनी अपील में माकपा ने भाजपा पर सांप्रदायिक मुद्दों को उछालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा का चौथी बार सत्ता में आना देश के संविधान, जनतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के लिए खतरा साबित होगा. उसकी पराजय को सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि भाज्पविरोधी वोटों को विभाजित होने से रोका जाएं. इसी परिप्रेक्ष्य में माकपा का मानना है कि जोगी-बसपा गठबंधन भाज्पविरोधी वोटों को विभाजित कर रही है. इससे भाजपा को ही मदद मिलेगी.
माकपा ने विधानसभा में वामपंथ की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए आम जनता से अपने वोट का उपयोग इस तरह करने की अपील की है कि एक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन किया जा सके.