रायपुर। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा पर भारतीय जनता पार्टी ने एक तरफ केंद्र सरकार से संवैधानिक कदम उठाने की मांग की है, वहीं दूसरी ओर सहिष्णुता को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़े करने वाले नसीरुद्दीन शाह और जावेद अख्तर पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि अराजकता बनी रही और पानी सिर के ऊपर जब बहेगा तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी.
बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा पर पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर मीडिया से रू-ब-रू हुए. उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि यदि हालात नहीं सुधरते तो संवैधानिक कदम उठाया जाए. ये बीजेपी है, लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं. प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक नेता हैं, परिवारवाद को बढ़ाने वाले नेता नहीं है. राहुल गांधी ममता को बधाई देते हैं, अखिलेश यादव, केजरीवाल, शरद यादव उन्हें बधाई देते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि वहां हो रही हिंसा को लेकर किसी ने कुछ नहीं कहा. वहीं नसीरूद्दीन शाह और जावेद अख्तर जैसे लोगों को बंगाल में सहिष्णुता दिख रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरी ताकत से ऐसे अराजक तत्वों के साथ लड़ाई लड़ेगी.
अजय चंद्राकर ने कहा कि पिछले तीन दिनों में बीजेपी के 12 कार्यकर्ता शहीद हुए. उन्होंने विचारधारा के लिए, बंगाल में लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने प्राण दे दिए. उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. कल ममता ननर्जी ने शपथ लिया. उन्होंने इससे पहले कहा था कि आज केंद्रीय बल आपकी रक्षा कर सकते हैं, बाद में क्या होगा. महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. मकानों में लूटपाट, आगजनी की गई. नंदीग्राम में कार्यालय जला दिया गया. आज स्थिति यह है कि टीएमसी की गुंडागर्दी की वजह से 80 हजार से एक लाख लोग पश्चिम बंगाल से पलायन कर चुके हैं. यह ऐसी ही स्थिति है, जैसा 90 के दशक में कश्मीर में ब्राम्हणों ने पलायन किया था.
भाजपा नेता ने कहा कि हमने धरना के जरिए पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ताओं को संदेश देने की कोशिश की थी कि देश के अमन पसंद लोग, पूरा बीजेपी कैडर उनके साथ हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष 24 घंटों के भीतर बंगाल पहुंचे थे. ये संकल्प लिया था कि लोकतंत्र की बहाली का काम जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रदर्शन पर बंगाल में बहुत उंगली उठाई गई. तीन सदस्यों से हम 73 सदस्यों तक पहुंचे. 38 फीसदी मत तक पहुंचे. 2024 के चुनाव तक इस भय में आए बगैर हम लोकतंत्र की लड़ाई लड़ेंगे. 28 सीट से 42 सीट तक ले जाएंगे. कार्यकर्ताओं की शहादत के दूसरे दिन से हमने पांच साल बाद होने वाले चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि ममता बैनर्जी की पूरी ताकत अपने परिवार की दूसरी पीढ़ी को राजनीति में स्थापित करने में लगी है. परिवारिक पार्टियों के पास मोदी के विरोध के अलावा कोई दूसरा एजेंडा नहीं है. लोकतंत्र महज सिर्फ दिखावा है. बीजेपी एकमात्र पार्टी है, जो राष्ट्र का चिंतन करती है. ये बीजेपी है लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं. प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक नेता हैं, परिवारवाद को बढ़ाने वाले नेता नहीं है. स्वामी विवेकानंद सर्वाधिक कहीं रहे, तो छत्तीसगढ़ में रहे थे. हम यहां से विश्वास दिलाते हैं कि बीजेपी बंगाल के कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है. साथ ही हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि यदि हालात नहीं सुधरते तो संवैधानिक कदम उठाया जाए.