रायपुर। प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जनता से किए गए वादों को पूरा करने की नीयत क़तई नहीं है. प्रदेश सरकार ज़ुबानी जमाख़र्च की थोथी क़वायद करने के बजाय अपने उन वादों की चर्चा करे, जो उसने चुनाव जीतने के लिए प्रदेश की जनता से किए हैं. यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मंगलवार को हुई प्रदेश सरकार की कैबिनेट में लिए गए फैसलों को नाकाफी बताते हुए कही.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 39 विषयों पर चर्चा की, लेकिन विडम्बना यह है कि उन विषयों में एक भी वह विषय चर्चा में नहीं आया जो जनाकांक्षाओं को पूरा करने की प्रदेश सरकार की इच्छाशक्ति का परिचय देता. प्रदेश सरकार को सत्ता सम्हाले ढाई साल से ज़्यादा वक़्त हो गया है, और कैबिनेट की जब भी बैठक होती है तो जनता को इस बात की अभिलाषा होती है कि जो वादे करके कांग्रेस की सरकार सत्ता पर क़ाबिज़ हुई है, कहीं-न-कहीं उन वादों के क्रियान्वयन के फ़ैसले लेकर उनको लागू करने की पहल दिखेगी, लेकिन कैबिनेट की बैठक से प्रदेश निराश हुआ है.
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उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि बड़े-बड़े वादे करके सत्ता हासिल करने वाली इस सरकार की कैबिनेट बैठक में उन वादों की चर्चा तक नहीं हुई. पूर्ण शराबबंदी की दिशा में प्रदेश सरकार कैसे आगे बढ़ना चाहती है, उसे पर कोई चर्चा नहीं हुई. इसके अलावा बेरोज़गारी भत्ता का वादा कब पूरा होगा, सरकार यह नहीं बता रही है. जूता पॉलिश, मनरेगा में मज़दूरी कर रहे और कहीं-कहीं भीख मांगकर गुजारा कर रहे चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को कब नियुक्ति दी जाएगी, युवा-शिक्षित बेरोज़गारों से छल-कपट कर रही प्रदेश सरकार इस पर ख़ामोश बैठी हुई है.
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साय ने महिला स्व-सहायता समूहों की कर्ज़माफ़ी करने, नक्सल प्रभावित पंचायतों एक-एक करोड़ रुपए देने, सम्पत्ति कर आधा करने, धान का दो वर्ष का बकाया बोनस देने, 200 फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने जैसे अहम मुद्दों पर कैबिनेट में चर्चा नहीं होने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अब वादाख़िलाफ़ी ही कर रही है. प्रदेश सरकार यदि अपने वादों पर कोई चर्चा तक नहीं करेगी तो वे पूरे कैसे करेगी? साय ने कहा कि इसका मतलब तो यही है कि प्रदेश सरकार अपने वादों से पूरी तरह मुकर गई है और जनापेक्षाओं की कसौटी पर खोटा सिक्का बनकर रह गई है.
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