यूपी में छह चरणों का लोकसभा चुनाव हो चुका है और आखिरी चरण का चुनाव 1 जून को है. तमाम टीवी चैनल लगातार तरह-तरह से संकेत कर रहे हैं कि यूपी में भाजपा शानदार प्रदर्शन कर रही है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव की राय इससे अलग है.

उत्तर प्रदेश में 4 चरणों में 39 सीटों का चुनाव पूरा हो गया तो योगेंद्र यादव ने बताया था कि भाजपा की हालत पतली है. यादव ने कहा था कि भाजपा को 15 से 20 सीटों का नुकसान हो सकता है. जनता मोदी को लेकर उदासीन है. जबकि इससे पहले लोग मोदी पर बातचीत में उत्साह दिखाते थे. उन्होंने कहा कि यूपी में मोदी से ज्यादा योगी आदित्यनाथ लोकप्रिय हैं.

यूपी में भाजपा की सीटें और कम हो सकती हैं

6 चरणों के मतदान के बाद योगेंद्र यादव ने यूपी को लेकर अपने आकलन में बदलाव किया है. उन्होंने बुधवार 29 मई को कहा कि 1000 किलोमीटर घूमने के बाद मैं कह सकता हूं कि यूपी में इस बार भाजपा का वोट खिसक रहा है. इस बार भाजपा की लीड घटकर 5 से 6 फीसदी हो जाएगी. योगेंद्र यादव ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि भाजपा 50 से 52 सीटों से ज्यादा नहीं पा सकेगी. अगर भाजपा के वोटिंग फीसद में कमी आई तो यूपी में सीटों की संख्या 40 तक रह जाएगी.

मतदाता से बातचीत ही एकमात्र जरिया है, जिसके जरिए आप पता लगा सकते हैं कि माहौल क्या है. योगेंद्र यादव ने भी यही शैली अपनाई. लेकिन उन्होंने उन लोगों से बात की जो इस चुनाव से पहले भाजपा को वोट दे चुके थे या मोदी भक्त थे. योगेंद्र यादव से ऐसे जितने लोगों से बात की, उन्होंने खुलकर नाराजगी जताई और कहा कि वो कांग्रेस और सपा को वोट देंगे.

योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले चुनाव में सपा-बसपा के मुकाबले यूपी में भाजपा की लीड 13 फीसदी थी. लेकिन भाजपा की लीड पांच से छह फीसदी रह जाएगी. यहां भाजपा को 50 से 40 सीटों के बीच खड़ा कर रहा है. बता दें कि 2019 के आम चुनाव में यूपी में सपा-बसपा ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था. जिसमें बसपा 10 सीटों पर और सपा पांच सीटों पर जीती थी. 2019 के चुनाव में सपा का वोट तो बसपा को ट्रांसफर हो गया था लेकिन बसपा का वोट सपा को ट्रांसफर नहीं हुआ, इससे सपा की सीटों पर असर पड़ा. इस बार यानी 2024 के आम चुनाव में यूपी में कांग्रेस और सपा का समझौता है. जिस तरह से इंडिया गठबंधन की रैलियों को सफलता मिली है, उससे कहा जा रहा है कि इंडिया के लिए यूपी से संकेत अच्छे हैं.