नई दिल्ली। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के मामले में देश की सियासत गरमा गई है. साध्वी प्रज्ञा के इस बयान को लेकर भाजपा सभी विपक्षी दलों के निशाने पर है.
कांग्रेस ने कहा कि यह बात साफ हो गई कि भाजपाई ही गोडसे के असली ‘वंशज’ हैं. वो नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताते हैं और हेमंत करकरे जैसे शहीदों को देशद्रोही. हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान ही है भाजपाई डीएनए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भाजपा को आडे़ हाथों लेते हुए कहा कि अगर महात्मा गांधी का हत्यारा देशभक्त है तो वह ”राष्ट्र-विरोधी” बनकर खुश हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”अगर नाथूराम गोडसे एक देशभक्त हैं, तो मैं राष्ट्र-विरोधी बनकर खुश हूं.”
चिदंबरम ने इसके आगे कोलकाता में अमित शाह के रोडशो के दौरान भड़की हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा, “मेरे बंगाली दोस्तों ने यह जानकारी भेजी, कोई बंगाली ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को खंडित नहीं करेगा. अपराधी अवश्य ही बंगाल के बाहर के होंगे.’ उन्होंने सवाल किया कि कौन सी पार्टी बंगाल में बाहर से समर्थकों को लेकर आयी है?”
अगर नाथूराम गोडसे एक देशभक्त हैं, तो मैं राष्ट्र-विरोधी बनकर खुश हूं।
मेरे बंगाली दोस्तों ने मुझे भेजा: कोई बंगाली ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को खंडित नहीं करेगा। अपराधी अवश्य ही बंगाल के बाहर के होंगे।
कौनसी पार्टी बंगाल में बाहर से समर्थकों को लेकर आयी है?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 16, 2019
कांग्रेस के इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और सूबे में भाजपा के साथ सरकार बनाने वाली महबूबा मुफ्ती ने भी साध्वी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मुझे देशद्रोही कहलाए जाने पर गर्व है, क्योंकि ऐसा राष्ट्रवाद और देशभक्ति हमारे बस की नहीं है. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, “अगर एक हिंदू कट्टरपंथी जिसने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या की हो उसे देशभक्त बताया जा रहा है तो मुझे गर्व है कि मुझे देशद्रोही कहा जाता है. ऐसा राष्ट्रवाद और देशभक्ति हमारे बस का नहीं, यह आपको मुबारक.”
I take pride in being called an anti national when a Hindu fanatic who gunned down Gandhi ji is hailed as a nationalist. Aisi nationalism aur desh bhakti humaray bas ki naheen. Yeh aapko mubarak.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2019
वहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर आयोग यह फैसला करेगा कि इस बयान से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है या नहीं.