जगदलपुर. मिशन 2023 की रणनीति तैयार करने के लिहाज से जगदलपुर में चल रही बीजेपी के चिंतन शिविर में उस फ़ार्मूले को ढूँढा जा रहा है, जो जीत का आधार बन सके. बीजेपी खामियों को ढूँढ कर जमीन मजबूत किए जाने की कवायद में जुटी है. बीजेपी चिंतन शिविर में बेहद गोपनीयता बरत रही है. संगठन के जितने चेहरों को बैठक के लिए बुलाया गया है, उनके अलावा किसी दूसरे को बैठक की चर्चाओं से पूरी तरह दूर कर दिया गया है.
भीतरखाने के सूत्र बताते हैं कि चिंतन शिविर में बीजेपी ने जातिगत समीकरणों पर खूब रायशुमारी की है. एसटी, एससी, ओबीसी सीटों की मौजूदा स्थिति और बीजेपी की पकड़ पर गहन चिंतन किया गया है. संभागों में एससी, एसटी और ओबीसी सीटों की स्थिति क्या है? ऐसी कितनी सीटों पर बीजेपी ने कब-कब, कितनी बार चुनाव जीता है या वोट प्रतिशत प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों से ज़्यादा है, इसका हिसाब किताब बैठक में किया गया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी अपने जातिग़त फ़ार्मूले के तहत ओबीसी, एससी और एसटी के भीतर की उन छोटी जातियों में अपनी पकड़ मज़बूत करने की रणनीति पर काम करेगी जिन्हें आमतौर पर नज़रअन्दाज़ कर दिया जाता है. ओबीसी, एससी और एसटी के भीतर ऐसी छोटी जातियों को बीजेपी में चिंहांकित किया है.
बीजेपी की बैठक में यह चर्चा भी की गई है कि जातिगत समीकरणों में फंसी सीटों पर बीजेपी ने एक बार जीत दर्ज की है, दो बार जीत दर्ज की है या तीन बार जीत दर्ज की है, इसकी समीक्षा की गई. समीक्षा में ये पाया गया कि तीन बार जितने वाली ऐसी छह सीटें हैं, जहां बीजेपी की पकड़ मज़बूत है. समीक्षा में यह तथ्य भी सामने आया है कि ऐसी आरक्षित सीटें जहां एससी-सामान्य का मत प्रतिशत 70 से ज़्यादा है, वहाँ बीजेपी ने जीत दर्ज किया है.
अन्य दलों की स्थिति पर भी नज़र
बताते हैं कि बैठक में ऐसी सीटों में कांग्रेस, जेसीसी, गोंडवाना पार्टी जैसे अन्य दलों के हालातों पर भी रायशुमारी की गई है. सूत्र बताते हैं कि जिन सीटों पर बीजेपी की जमीनी पकड़ कमजोर हैं, वहाँ समय रहते स्थिति ठीक करने की रणनीति पर काम किया जाएगा.
आदिवासी सीटों पर धर्मांतरण बनेगा बीजेपी का ट्रम्प कार्ड
राज्य की 29 आदिवासी सीटों पर बीजेपी की नजर है. बीजेपी ये मानकर चल रही है कि आने वाले चुनाव में आदिवासी सीटें बड़ा रोल प्ले करेंगी. आदिवासियों की सरकार से बढ़ती नाराजगी को बीजेपी जमकर भुनाने की कोशिश करेगी. पिछले दिनों पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की ओर से आदिवासी सीटों को लेकर कांग्रेस हाईकमान को दी गई रिपोर्ट की खबर भी बीजेपी के पास है. धर्मांतरण के मुद्दे पर आने वाले दिनों में बीजेपी की ओर से बड़ा मूवमेंट चलाया जाएगा. इस मुद्दे को बीजेपी चुनाव तक खिंचकर ले जाएगी, जिससे इस वर्ग का वोट अपने पक्ष में ला सके. चिंतन शिविर में धर्मांतरण के मुद्दे पर भी गहन रायशुमारी की खबर है.
कांग्रेस के ढाई साल बनाम बीजेपी के 15 साल
चिंतन शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने राज्य की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर प्रेजेंटेशन दिया है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के ढाई साल बनाम बीजेपी के 15 साल की सत्ता में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा रखा. इस दौरान रमन कांग्रेस सरकार पर बेहद आक्रामक नजर आए. रमन ने राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति, ठप्प अधोसंरचना, बेरोज़गारी जैसे तमाम पहलू को अपने प्रेजेंटेशन में शामिल किया.
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