सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव में अभ्यर्थियों को सामाजिक स्थिति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और ऑनलाइन नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने के लिए बाध्य किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई है. पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से इस बाध्यता को खत्म करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की है.

भाजपा के स्थानीय निकाय चुनाव समिति के सदस्य जेपी चंद्रवंशी, नरेश चंद्र गुप्ता और रमाकांत मिश्रा ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र सौंपा. सदस्यों ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव में निर्वाचन अधिकारी अभ्यर्थियों से उनके सामाजिक स्थिति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और ऑनलाइन नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने कहा जा रहा है. यहां तक बिना सामाजिक स्थिति प्रमाण पत्र के नाम निर्देशन पत्र स्वीकार नहीं किया जा रहा है.

पार्टी ने बताया कि ऐसी शिकायत बिलासपुर, सरगुजा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोरिया और जांजगीर-चांपा से स्थानीय निकाय चुनाव के अभ्यर्थियों द्वारा लगातार की जा रही है. इसे विधि के प्रावधानों के विरुद्ध बताते हुए अभ्यर्थियों को संविधान में प्रदत्त संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया. इस दिशा में कार्रवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी करने की मांग की है.

वहीँ इस मामले में BJP नेता नरेश चंद्र गुप्ता ने राज्य निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने प्रदेश सरकार के सारे में काम कर रही है. नियम है कि जो विधानसभा लोक सभा में मतदान किए हैं उन मतदाताओं की सूची नहीं बदली जाएगी लेकिन प्रत्येक वार्ड में षड्यंत्रपूर्वक लगभग सौ लोगों का नाम डिलीट कर दिया गया है. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि जान बूझकर नामांकन ऑनलाइन कई जगह की गई है. जिसकी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से की गयी है.

तो वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह ने बताया कि प्रदेश के कुछ जगहों  पर ऑनलाइन नामांकन भर्ती में दिक़्क़त हो रही थी वहाँ आदेशित कर दिया गया है. इसकी पूर्ण रूप से व्यवस्था कराई जाए ऑनलाइन करने के पीछे की मंशा ये है कि ऑनलाइन से दूसरे राज्य में भी इसका असर होता है की यहाँ ऑनलाइन व्यवस्था है.