रायपुर। कोरोना संक्रमण के दौर में शराबबंदी को लेकर भाजपा और कांग्रेस फिर से आमने-सामने हैं. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लॉकडाउन के दौरान शराब की बढ़ी खपत को भूपेश सरकार की एकमात्र उपलब्धि बताया है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए रमन सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान शराब का पालन-पोषण और विस्तार करने का आरोप लगाया है.

शराबबंदी को लेकर ताजा विवाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के ट्वीट के साथ पैदा हुआ है, जिसमें उन्होंने तंज कसते हुए लिखा है कि कांग्रेस सरकार के सफल प्रयासों से लॉकडाउन में शराब की लगातार बढ़ती डिमांड को देखते हुए भूपेश बघेल को राहुल गांधी से शराब प्रोत्साहन न्याय योजना का शुभारंभ करवा लेना चाहिए. कांग्रेस सरकार के 18 महीनों के कार्यकाल की यह एकमात्र उपलब्ध है.

रमन सिंह के इस हमले के जवाब में कांग्रेस ने जवाबी हमला किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने बयान जारी कर कहा कि रमन सिंह के कथनों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ के 19 लाख किसानों को किसान न्याय योजना में 15 सौ करोड़ की दूसरी किस्त मिलने से, 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को 233 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन बोनस राशि मिलने से और गोधन न्याय योजना में 1 लाख हितग्राहियों को साढ़े चार करोड़ की राशि की दूसरी किस्त मिलना उनको नागवार गुजरा है. शराब को लेकर रमन सिंह द्वारा दिए जा रहे सारे बयान इसी का परिणाम है.

उन्होंने कहा कि शराब का पालन-पोषण और विस्तार तो रमन सिंह ने किया। अब शराबबंदी की किस मुंह से मांग करते हैं. घोषणा पत्र के हर वादे को कांग्रेस सरकार नेसमय में पूरा किया है. कांग्रेस सरकार को 5 साल के लिए जनादेश मिला है. हम रमन सिंह सरकार की तरह वादा खिलाफ और धोखेबाज नहीं है.