रायपुर। स्कूलों में भृत्यों को अध्यापन कार्य मे लगाने पर शिक्षा कर्मी संघ ने सरकार पर नियमों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि शिक्षा के अधिकार कानून में टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षित शिक्षक को ही अध्यापन कार्यों में लगाए जाने का नियम है. तो फिर सरकार किस आधार पर भृत्य, 12 वीं पास और पुलिस कर्मियों से अध्यापन कार्य करा रही है.
वीरेन्द्र दुबे ने कहा है कि जब तक सरकार शिक्षा कर्मियों की मांग मान नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि अब शिक्षाकर्मियों के साथ ही उनका परिवार भी राजधानी रायपुर में धरने पर बैठेगा.
उधर पूर्व शिक्षा मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने शिक्षाकर्मियों के हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा है कि शिक्षाकर्मियों की सभी मांगें जायज है और ये दुर्भाग्यजनक है कि भृत्यों की ड्यूटी स्कूलों में लगाई जा रही है. ये सरासर कानून का उल्लंघन है, ये बताता है कि सरकार की स्थिति क्या है.
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सोनी ने कहा है कि सरकार शिक्षा कर्मियों की हर मांग पूरा करते रही है, बातचीत के रास्ते अभी भी खुले हुए हैं. पूरी संवेदनशीलता के साथ सरकार शिक्षाकर्मियों के हितों के बारे में सोचते रही है. वैकल्पिक व्यस्था की बात है तो व्यवस्था की जा रही है कि कहीं भी बच्चों का अहित न हो पाए.
आपको बता दें कि बस्तर में दरभा बीईओ ने स्कूलों में भृत्यों द्वारा पढ़ाई करवाने का अजीबो-गरीब आदेश जारी किया है. बस्तर शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए इस आदेश को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस आदेश के बाद से शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.