BJP Counterattack On Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से भारत की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। हिंडनबर्ग के दावे के बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर विपक्ष हमलावर है। वहीं मामले में अबतक बैकफुट पर खेल रही बीजेपी (BJP) ने फ्रंटफुट पर आकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर करारा शॉट मारा है। हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए बीजेपी ने इसे देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने की साजिश बताया। खुलासे को पश्चिमी का भारत विरोधी टूलकिट करार देते हुए इसमें कांग्रेस (Congress) को शामिल होने का आरोप लगाया।
मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad ) ने कहा कि ये रिपोर्ट भारतीय शेयर बाजार को हिलाने की साजिश है। हिंडनबर्ग में भारत विरोधी अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस (George Soros) का पैसा लगा हुआ है। ये जगजाहिर है कि जॉर्ज सोरोस किस तरह भारत विरोधी एजेंडा चलाता है। एक साजिश के तहत भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई जा रही है। शेयर बाजार को अस्थिर किया जा रहा है।
हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर कंगना रनौत का राहुल गांधी पर हमला
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का समर्थन करने पर बीजेपी नेता ने कांग्रेस पर भी तगड़ा वार किया। रविशंकर ने पूछा कि आखिर कांग्रेस चाहती क्या है। कांग्रेस चाहती है कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। भारत की प्रगति को रोकने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस पार्टी भारत को कमजोर और भारत की आर्थिक स्थिति को बिगड़ना चाहती है।
उन्होंने आगे कहा कि आपने देखा होगा कि ये रिपोर्ट शनिवार को आई, जिसके बाद सोमवार को बाजार खुलते ही इसका असर देखने को मिला। उन्होंने कहा कि आरोपों का जवाब सेबी प्रमुख ने दे दिया है। इसी का नतीजा है कि शेयर बाजार में में थोड़ी गिरावट हुई है। विशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि तीसरी बार सत्ता से बेदखल होने के बाद कांग्रेस वाले टूलकिट का इस्तेमाल नहीं करेंगे, लेकिन चुनाव में हारने के बाद अब कांग्रेस पार्टी देश में आर्थिक अराजकता फैलाना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट पहले भी हिंडनबर्ग दे चुका है नोटिस
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। इसको लेकर हिंडनबर्ग को नोटिस भी भेजा गया था। नोटिस का जवाब देने के बजाय हिंडनबर्ग ने फिर से आधारहीन आरोप लगाया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले पर सेबी और सेबी प्रमुख ने भी स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन फिर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
जानिए कौन हैं जॉर्ज सोरोस
जॉर्ज सोरोस अरबपति अमेरिकी बिजनेसमैन है। ये खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी बताते हैं। इनका जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। 1956 में वो लंदन से अमेरिका आ गए थे. यहां आकर उन्होंने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखा और अपनी किस्मत बदली। सोरोस पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लग चुका है। 11 नवंबर 2003 को वॉशिंगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में सोरोस ने कहा था, जॉर्ज डब्ल्यू बुश को राष्ट्रपति पद से हटाना उनके जीवन का सबसे बड़ा मकसद है. और ये उनके लिए ‘जीवन और मौत का सवाल’ है।
पीएम मोदी और भारत विरोधी बयान के लिए हैं मशहूर
जॉर्ज सोरोस भारत विरोधी और पीएम नरेन्द्र मोदी विरोधी बयान के लिए जाने जाते हैं। सोरोस कई मंचों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अमेरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लगातार सत्ता में बने रहने से तानाशाही की ओर बढ़ने वाला नेता कहते रहे हैं। भारत में नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था। इसी साल जनवरी में जब हिंडनबर्ग से अडानी ग्रुप पर सवाल उठाया तो हाथ सेंकने के लिए जॉर्ज सोरोस भी सामने आ गए थे. जॉर्ज सोरोस ने अडानी मुद्दे के बहाने फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा था।
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