लखनऊ. सांप मर गया और लाठी भी नहीं टूटी। कुछ इसी अंदाज में भाजपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के टिकट बंटवारे के झंझट को निपटाया। 47 साल के विधायक को जूते से पीटने वाले सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट काटकर उनके पिता, पूर्व उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और 68 साल के आयुर्वेदिक डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी को टिकट दिया है।

भाजपा ने रमापति राम त्रिपाठी को टिकट देकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। रमापति राम को संतकबीर नगर की बजाय देवरिया से मैदान में उतारा है। देवरिया उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने जाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता, सांसद और पूर्व मंत्री कलराज मिश्र की सीट है। इस तरह से भाजपा ने ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है।

भाजपा हाई कमान ने शरद त्रिपाठी को टिकट न देने का फैसला कर लिया था लेकिन इसका विकल्प तलाशना काफी मुश्किल भरा था। रमापति राम त्रिपाठी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबियों में हैं। दूसरे बड़ा खतरा ब्राह्मण वोटों के खिसकने का था। क्योंकि भाजपा ने इस बार 75 साल से अधिक उम्र होने के कारण कलराज मिश्र और डॉ. मुरली मनोहर जोशी जैसे दोनों दिग्गजों को चुनाव मैदान में न उतारने का फैसला किया है।