रायपुर. दिग्विजय सिंह के सरकार के समय निगमों में बार-बार अविश्वास प्रस्ताव आने से नगरीय निकाय में विकास अवरूद्ध होने के कारण महापौर के चुनाव को प्रत्यक्ष कराने का निर्णय लिया गया था. लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने फिर से महापौर का चुनाव पार्षदों के द्वारा कराने का निर्णय लेने जा रही है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने मोतीबाग के सामने राजीव कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में एक विशाल धरना दिया एवं पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार द्वारा लिये जा रहे निर्णय का विरोध दर्ज किया. धरने में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, श्रीचंद सुंदरानी, देवजी भाई पटेल, छगनलाल मुंदड़ा, संजय श्रीवास्तव, नवीन मारकंडे, अशोक बजाज उपस्थित रहे.

धरना को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने महासमुंद और बिलासपुर के सार्वजनिक सभा में कहा था कि नगरीय निकाय के चुनाव जैसे चल रहे थे वैसे ही प्रत्यक्ष रूप से होंगे. जनता के वोट से ही महापौर और अध्यक्ष चुने जायेंगे. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि सरकार महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष कराने का निर्णय लेने जा रही है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र की हत्या करने जैसी है जनता पार्षद और महापौर के लिए दो अलग-अलग वोट करती है लेकिन सरकार के निर्णय के बाद जनता से एक वोट का अधिकार छिन लिया जायेगा. कांग्रेस की सरकार को हार का डर सता रही है लोकसभा चुनाव में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में करारी हार में सरकार जो लगने लगा है कि जनता अब उनके साथ नहीं है.

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 9 माह में ही कांग्रेस की सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है सभी तरफ विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं चुनाव में जनता को इसका जवाब देना पड़ेगा इसलिए छल कपट का रास्ता ढूंढा जा रहा है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार नगरीय निकाय चुनाव की गुपचुप सर्वे करा चुकी है और जो रिपोर्ट निकल कर उनके पास पहुंचा है उसमें भारतीय जनता पार्टी के महापौर और पार्षद बड़ी संख्या में जीत कर काबिज होने जा रहे हैं. इससे घबराकर प्रदेश सरकार लोकतंत्र का गला घोटने की तैयारी कर रही है.

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि आखिर सरकार इवीएम मशीन की जगह बैलेट पेपर से चुनाव क्यों कराना चाहती है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिये, नहीं तो कार्यकर्ता अब सड़क की लड़ाई के लिए तैयार हैं. जो सरकार इवीएम से चुनकर सत्ता में बैठी है ऐसी सरकार बैलेट से चुनाव कराने की नीयत पर जनता प्रश्न उठा रही है. जबकि चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय स्तर पर इवीएम की मान्यता को प्रतिपादित किया है. कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल ही काली है यह भी जनता पूछ रही है. महामहिम राज्यपाल महोदय से पार्टी यह मांग करती है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए कदम उठाएं.

रायपुर जिले के अध्यक्ष राजीव कुमार अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ सड़क पर जाकर लड़ाई लड़ेंगे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता सरकार के अलोक तांत्रिक तरीके से छल कपट के रास्ते चुनाव जीतने के मंसुबे को पूरा नहीं होंने देंगे.
धरना के दौरान पूर्व मंत्री सच्चिदानंद उपासने, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, केदारनाथ गुप्ता सुभाष तिवारी, चन्नी वर्मा, सूर्यकांत राठौर, अमरजीत सिंह, अशोक पांडे, मृत्युंजय दुबे, राजेश पाण्डे, शैलेन्द्री परगनिहा, अनुप खेलकर ने भी उद्बोधन दिया.

धरना के पश्चात एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मिलकर सरकार के अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. धरने का संचालन जिला महामंत्री जयंती पटेल एवं आभार प्रदर्शन श्याम सुंदर अग्रवाल ने किया.

धरना में प्रमुख रूप से संजूनारायण सिंह, डॉ. सलीम राज, किशोर महानंद, मोहन एंटी, मिर्जा एजाज बेग, नरेश गुप्ता, सत्यमदुआ, बजरंग खंडेलवाल, श्यामसुन्दर अग्रवाल, हेमेन्द्र साहू जयंती पटेल, मुकेश शर्मा, अकबर अली, बिन्दू माहेश्वरी, मोहन एंटी, अनुराग अग्रवाल, नलिनेश ठोकने सहित सैकड़ों पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.