सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ जहां भाजपा ने अपनी कमजोर 79 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। तो वहीं जीत की रणनीति के तहत ही कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदो को कमजोर सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतार दिया है।  तो वहीं जीत की रणनीति बनाने के लिए यूपी के कई मंत्रियों और सांसदों को अलग-अलग जिलों में लगाया गया है।  

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बीजेपी ने एमपी में यूपी सरकार के 12 मंत्रियों के साथ-साथ एक दर्जन से ज्यादा सांसद और विधायकों को भी अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। मंत्रियों में बृजेश पाठक को भोपाल, बेबी रानी मौर्य को ग्वालियर, दयाशंकर सिंह को बालाघाट, दिनेश प्रताप सिंह को रायसेन, स्वतंत्रदेव सिंह को सतना, दयाशंकर मिश्र दयालु को दतिया, कपिल देव अग्रवाल को दमोह और अनिल राजभर को सिवनी जिले की जिम्मेदारी दी गई है।

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इनके साथ साथ मंत्री दिनेश खटीक, योगेंद्र उपाध्याय और विजय लक्ष्मी गौतम को भी अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। जेपीएस राठौर को भोपाल संभाग की जिम्मेदारी मिली है जिसमें 5 जिलों की 25 विधानसभाएं शामिल हैं। इसके अलावा सांसद सुब्रत पाठक को सागर, हरीश द्विवेदी को बेबी रानी मौर्य के साथ ग्वालियर और पंकज सिंह को विदिशा जिले की जिम्मेदारी दी गई है। 

प्रवास करेंगे

इन सभी मंत्रियों और सांसदों की बुधवार को भोपाल में बैठक हुई और उनके साथ जिलेवार सीटों पर रणनीति तैयार की गई। इसमें मंत्रियों के साथ जिलेवार सीटों पर रणनीति तैयार की गई। अब ये सभी मंत्री, सांसद और विधायक अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर प्रवास करेंगे और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जमीन पर पार्टी के पक्ष में जीत की रणनीति तैयार करेंगे। 

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