रायपुर. छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर दस नक्सलियों की मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव की ओर से ट्विटर हैंडल पर जारी किए गए उस बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा हैं, जिसमें संकेत भरे शब्दों में लिखा गया था कि-  ‘ होली के दिन जब लोग प्यार और भाईचारे का संदेश पूरी दुनिया में फैलाते हैं. हम हिंसा के रास्ते से दूर प्यार और भाईचारे के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने की लोगों से अपील करते हैं लेकिन तेलंगाना औऱ छत्तीसगढ़ के बाहर के लोगों के लिए ये संदेश होता है’ .
टी एस सिंहदेव के इन बयानों के बाद बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने अपने बयान में कहा कि नक्सलवाद छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के लिए अभिशाप हैं. 1968 से नक्सलवाद को कांग्रेस पालती आई है. यह बात टी एस सिंहदेव के बयान से साफ हो गया है. गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ही नक्सलवाद के सिद्धांत को प्रश्रय दिया है.
केदार गुप्ता ने कहा कि जनता की रक्षा के लिए हर पर्व में इंसानियत के दुश्मनों का खात्मा करते रहेंगे. टी एस सिंहदेव जैसे नेताओं के हौसला खत्म करने वाले बयानों के बावजूद हमारे जवान जोश-खरोश के साथ नक्सलियों का सफाया करने में लगे हुए हैं.

क्या कहा था टी एस सिंहदेव ने ?

नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने बड़ा औऱ विवादित बयान होली के दिन अपने ट्विटर हैंडल से जारी किया है. ये बयान उन्होंने छत्तीसगढ़ औऱ तेंलगाना के सुरक्षाबलों द्वारा 10 नक्सलियों के मारे जाने के बाद दिया है.

टीएस सिंह देव ने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि होली के दिन जब लोग प्यार और भाईचारे का संदेश पूरी दुनिया में फैलाते हैं. हम हिंसा के रास्ते से दूर प्यार और भाईचारे के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने की लोगों से अपील करते हैं लेकिन तेलंगाना औऱ छत्तीसगढ़ के बाहर के लोगों के लिए ये संदेश होता है. ये माना जा रहा है कि टीएस सिंह देव ने ये बयान सुरक्षाबलों के दस नक्सलियों को मारे जाने के संदर्भ में दिया है. इसके लिए उन्होंने बकायदा घटना की खबर का लिंक भी दिया है. चुनावी साल होने के नाते नेता प्रतिपक्ष का होली के दिन आया ये बयान राजनीतिक गलियारों में खासी हलचल पैदा करने वाला है. जहां सरकार की विरोधी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेर सकती हैं वहीं सरकार और सत्तारुढ़ भाजपा की इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर से सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरु होने के आसार हैं.

चुनावी साल होने के नाते नेता प्रतिपक्ष का होली के दिन आया ये बयान राजनीतिक गलियारों में खासी हलचल पैदा करने वाला है. जहां सरकार की विरोधी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेर सकती हैं वहीं सरकार और सत्तारुढ़ भाजपा की इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर से सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरु होने के आसार हैं.